
रांची, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रघुवर दास ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने सरकार पर बिचौलिए और दलालों के साथ विदेशी धर्म मानने वालों के दबाव में काम करने का आरोप लगाया और राज्य में अविलंब निकाय चुनाव कराने और पेसा कानून को कैबिनेट में पारित कर लागू करने की मांग की।
रांची स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में रघुवर दास ने कहा कि भारत का संविधान आदिवासी, दलित, वंचित और शोषित समाज को संवैधानिक अधिकार देता है। लेकिन संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सरकार राज्य के आदिवासियों और पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री के रहते झारखंड का आदिवासी समाज अपने हक और पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, जो 1996 (पेसा-1996) से वंचित है।
रघुवर दास ने कहा कि भाजपा की सरकार ने राज्य में पेसा कानून लागू करने की दिशा में सार्थक पहल की थी। भाजपा सरकार के बाद हेमंत सरकार ने विभागों से प्राप्त मंतव्य विधि विभाग में भेजा। आगे महाधिवक्ता ने कैबिनेट में ले जाने का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया, लेकिन मंशा साफ नहीं होने के कारण यह सरकार इसे लटका रही है।
उन्होंने कहा कि पेसा कानून अधिसूचित क्षेत्र की रूढ़िवादी ग्राम सभा को लघु खनिज, बालू और पत्थर के उत्खनन, नीलामी, तालाबों में मछली पालन, केंदू पत्ता सहित अन्य के प्रबंधन का अधिकार देती है। झारखंड उच्च न्यायालय ने भी इसी भावना के मद्देनजर बालू घाट नीलामी पर निर्देश दिए हैं। उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने इस रोक को तबतक जारी रखने का आग्रह किया, जबतक राज्य में पेसा कानून लागू नहीं हो जाए।
भाजपा नेता ने कहा कि पेसा नियमावली लागू नहीं करने के पीछे राज्य सरकार का अपना निहित स्वार्थ है। हेमंत सरकार चाहती है कि राज्य के खनिज संसाधनों, बालू, पत्थर को बिचौलिए दलाल लूटते रहें और मुख्यमंत्री की तिजोरी भरते रहें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, झामुमो की सरकार आदिवासी समाज को अधिकार नहीं देना चाहती। इस सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग का भी गठन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय की अवमानना करते हुए बालू से 2000 करोड़ के राजस्व की आय का लक्ष्य निर्धारित कर विज्ञापन जारी किया है। इस प्रकार देखा जाए तो पिछले छह वर्षों में राज्य को हजारों करोड़ की लूट का साक्षी बनाया गया है। उन्होंने इस लूट की सीबीआई जांच कराने की मांग भी की।
राज्य में लंबित नगर निकाय चुनाव पर बोलते हुए दास ने कहा कि हेमंत सरकार न गांव का विकास चाहती है और न शहरों का। नगर निकाय चुनाव नहीं कराकर सरकार प्रतिवर्ष 1800 करोड़ के केंद्रीय अनुदान से झारखंड को वंचित रख रही है, जबकि पेसा नहीं लागू होने के कारण 1400 करोड़ की क्षति हो रही है।
रघुवर दास ने कहा कि यह सरकार ट्रिपल टेस्ट पूरा नहीं कराकर पिछड़ों को उनके अधिकारों से वंचित रखना चाहती है। पहले भी राज्य के विभिन्न जिलों की नौकरी रोस्टर में पिछड़ों का आरक्षण नहीं है। इसपर भी राज्य सरकार चुप्पी साधे बैठी है। उन्होंने कहा कि चाहे पेसा नियमावली हो या नगर निकाय चुनाव यह सरकार दोनों काम नहीं होने देना चाहती।
हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार बिचौलिए और दलालों के साथ विदेशी धर्म मानने वालों के दबाव में काम कर रही है। यह सरकार तुष्टीकरण में डूबी हुई है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य का आदिवासी, पिछड़ा और दलित सड़क पर उतर जायेगा तो राज्य सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने राज्य सरकार से अविलंब निकाय चुनाव कराने और पेसा कानून को कैबिनेट में पारित कर लागू करने की मांग की।
प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता रामाकांत महतो भी उपस्थित रहे।—————
(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
