RAJASTHAN

विशेष आवश्यकता वाले बच्चों से इंटरवेंशन आवश्यक: मंडा

jodhpur

जोधपुर, 10 सितम्बर (Udaipur Kiran) । विशेष आवश्यकता के लक्षण परिलक्षित होने के बाद शीघ्रातिशीघ्र बच्चों की पहचान कर उनके न्यूनीकरण संबंधी गतिविधियां प्रारंभ की जानी चाहिए तथा कारण और निवारण पर गहन कार्य होना चाहिए। यह विचार विशेष शिक्षा विशेषज्ञ एवं समाजसेवी रामनिवास मंडा ने उम्मेद नगर स्थित सृजन मानव शिक्षा एवं कल्याण संस्थान में आयोजित दिव्यांगों की शीघ्र पहचान व हस्तक्षेप कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए।

मरुधरा पब्लिक स्कूल उम्मेद नगर के ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यशाला में स्पेशल एजुकेटर तथा प्रवक्ताओं ने दिव्यांगों से संबंधित कारणों एवं उनके निवारण पर नवीनतम शोध और निष्कर्षों पर अकादमिक चिंतन प्रस्तुत किया। विभिन्न सत्रों में शोध पत्रों के माध्यम से यह निष्कर्ष निकला कि समाज में दिव्यांगता के कारण, निवारण तथा जागरूकता के विषय में समझ को बढ़ाना आवश्यक है। भ्रांतियों को दूर कर जागरूकता लाना होगी और समयबद्ध चिकित्सकीय व मनोवैज्ञानिक उपचार के माध्यम से दिव्यांगता को न्यून या समाप्त करने के प्रयास करने होंगे। संस्थान के कोर्स कोऑर्डिनेटर राजकुमार ने बताया कि जन्म के पहले तीन वर्षों में दिव्यांगजन की पहचान कर ली जाए तो हस्तक्षेप अधिक सकारात्मक और उपयोगी सिद्ध होता है। वहीं अकादमिक निदेशक चौधरी गजेंद्र ने जानकारी दी कि जोधपुर जिले सहित विभिन्न संस्थानों से आए स्पेशल एजुकेटर ने दिव्यांगों की अलग-अलग श्रेणियों पर चिंतन कर अपने निष्कर्ष समेकित रूप में कार्यशाला समन्वयक को प्रस्तुत किए।

(Udaipur Kiran) / सतीश

Most Popular

To Top