
रामद्वारा आश्रम में संत सम्मेलन का आयोजन
जोधपुर, 10 सितम्बर (Udaipur Kiran) । विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार के जोधपुर प्रवास पर कुड़ी भगतासनी स्थित रामद्वारा आश्रम में संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान मारवाड़ के प्रमुख संतों की उपस्थिति में विहिप अध्यक्ष ने कहा कि हिंदू समाज को बांटने के लिए विघटनकारी शक्तियां लगी हुई है।
ऐसे में संतों महंतो का दायित्व अधिक बढ़ता है कि एकता में सूत्र ने रखने के लिए संस्कार के साथ समरसता युक्त समाज का निर्माण करने में महत्ती व अहम भूमिका निभानी होगी। वंचित सेवा बस्ती में संतों को जाकर घर घर सनातन संस्कृति के प्रचार में योगदान देना होगा। तभी समरस समाज का निर्माण कर सकते हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भारत की महान परंपरा में संतों का स्थान सदैव उच्च और प्रेरणादायी रहा है। संत समाज ने युगों-युगों से धर्म, संस्कृति और समाज जागरण का कार्य किया है। आज भी संत महात्मा अपने उपदेशों और सेवाकार्यों के माध्यम से जन-जन में आस्था, संस्कार और राष्ट्रीय चेतना का संचार कर रहे हैं। संतों ने समाज में व्याप्त अंधविश्वास, भेदभाव और कुरीतियों को दूर करने के लिए समय-समय पर आंदोलन चलाए। उनके प्रवचन और सत्संग से परिवारों में संस्कार और समाज में एकता का वातावरण निर्मित हुआ है। वे लगातार धर्मांतरण रोकने, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, सेवा कार्य और भारतीय संस्कृति के संरक्षण की दिशा में जनजागरण कर रहे हैं।
धर्माचार्य संपर्क प्रमुख दीपक व्यास ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक नन्दलाल बाबा ने इस अवसर पर संतों से कहा कि विहिप हिंदू समाज के नेतृत्व का एक मात्र संगठन है जो संतों के मार्गदर्शन व सानिध्य में ही चल रहा है। राष्ट्र को आगे बढऩा है तो संस्कृति संस्कार को जिंदा रखना होगा। वो कार्य संतों के आशीर्वाद से होगा। इस अवसर पर रामानंदाचार्य जगतगुरू वेदही वल्लभ देवाचार्य महाराज, संत रामविचार संत रूपचंद साध्वी प्रिया शरण साध्वी गंगनाथ, साध्वी प्रियवृंदा, स्वामी रामानंद, स्वामी चिन्मयानंद, हनुमानदास, ज्ञानस्वरूपानन्द सुखदेव महाराज श्रवणदास सहित अन्य साधु संत के साथ भक्त उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / सतीश
