
नैनीताल, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । भवाली थाने के वर्ष 2023 के एक जानलेवा हमले से संबंधित मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल ने आरोपित का जमानत प्रार्थना पत्र एक बार पुनः खारिज कर दिया है। इस प्रकार आरोपित को लगभग डेढ़ वर्ष के बाद भी जमानत नहीं मिली है और उसे जेल में ही रहना पड़ेगा।
मामला 31 दिसम्बर 2023 का है, जब तल्ला रामगढ़ में मल्ला रामगढ़ निवासी विक्रम बिष्ट पर आरोपित कार्तिक नौरियाल पुत्र राजेंद्र सिंह नौरियाल पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगा था। घटना में गंभीर रूप से घायल विक्रम के भाई अमन बिष्ट के द्वारा दो जनवरी 2024 को भवाली थाने में दी गयी प्राथमिकी पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 323, 504, 506, 326 के तहत अभियोग पंजीकृत हुआ था। इस मामले में आरोपित के जमानत प्रार्थना पत्र को पूर्व में तीन बार निरस्त किया जा चुका है।
इधर पुनः आरोपित कार्तिक नौरियाल की ओर से उसके पिता की ओर से न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र दिया गया था। आरोपित की ओर से अधिवक्ता ने आरोपित को निर्दोष बताते हुए दलील दी कि आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत हो चुका है और मुख्य साक्षी का बयान भी दर्ज हो गया है।
वहीं राज्य की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा ने आरोपित की जमानत का कड़ा विरोध किया और कहा कि आरोपित ने पहले भी समान आधारों पर जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किए थे, जिन्हें न्यायालय व उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है। इस दलील को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने आरोपित कार्तिक नौरियाल उर्फ कार्तिकेय का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
