
हरिद्वार, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । भगवान शिव की ससुराल कनखल स्थित श्री यंत्र मंदिर में संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का बुधवार को आरंभ हुआ। भागवत कथा के प्रथम दिन कथा वाचक महामण्डलेश्वर स्वामी नर्मदाशंकर पुरी महाराज जयपुर वालों ने कहाकि भागवत को समझना भगवान को समझने के बराबर है।
जन्म-जन्मांतर के जब पुण्य का उदय होता है, तब ऐसा अनुष्ठान होता है। श्रीमद्भागवत कथा एक अमर कथा है। इसे सुनने से पापी भी पाप मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वेदों का सार युगों-युगों से मानवजाति तक पहुंचाता रहा है। भागवतपुराण उसी सनातन ज्ञान की पयस्विनी है, जो वेदों से प्रवाहित होती चली आई है। इसलिए भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा गया है।
उन्होंने श्रीमद्भागवत महापुराण का बखान किया। कहा कि शुकदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाई थी, उन्हें सात दिनों के अंदर तक्षक के दंश से मृत्यु का श्राप मिला था। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा अमृत पान करने से संपूर्ण पापों का नाश होता है।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
