वाशिंगटन, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । अमेरिकी राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रम्प ने इज़राइल द्वारा दोहा में वरिष्ठ हमास नेताओं को निशाना बनाकर
हवाई हमला करने के बाद इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सार्वजनिक रूप
से फटकार लगायी है। ट्रम्प ने कहा है कि यह कदम इज़राइल या अमेरिका के लक्ष्यों को आगे
नहीं बढ़ाता और शांति प्रयासों को कमज़ोर करता है।
ट्रम्प ने मंगलवार को ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा
कि उन्हें अमेरिकी सेना से हमले के बारे में पता चला, लेकिन दुर्भाग्य से इसे रोकने के लिए बहुत देर हो चुकी थी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा
कि यह हमला पूरी तरह से नेतन्याहू का फ़ैसला था।
उन्होंने कतर काे अमेरिका का एक मज़बूत सहयोगी और मित्र बताते हुए उसकी प्रशंसा की।
उल्लेखनीय है कि इजरायली सैन्य अभियान में एक कतरी सुरक्षा अधिकारी समेत छह लोगों के मारे जाने
की खबर है। अभियान में 15 इज़राइली विमानों ने एक ही सटीक लक्ष्य पर
गोले-बारूद दागे थे।
इस बीच हमास ने पुष्टि की है कि उसका दोहा स्थित राजनीतिक नेतृत्व सुरक्षित है। हालांकि उसने नेतन्याहू पर शांति वार्ता में बाधा डालने का आरोप लगाया और ज़ोर देकर कहा कि हमले से साबित होता है कि इज़राइल किसी समझौते पर नहीं पहुंचना चाहता। हालांकि कतर के विदेश मंत्रालय ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय
कानून का घोर उल्लंघन बताया।
हमले पर कतर ने विशेष रूप से नाराजगी जताई जो
एक प्रमुख क्षेत्रीय मध्यस्थ है और अल-उदीद एयर बेस पर हमास के राजनीतिक ब्यूरो और
10,000 अमेरिकी सैनिकों की मेजबानी करता है। इस खाड़ी देश ने हाल ही में
अमेरिका के साथ आर्थिक संबंधों को भी गहरा किया है जिसमें 1.2
ट्रिलियन डॉलर का व्यापार समझौता और नए एयर फ़ोर्स वन के रूप में काम करने के लिए 400
मिलियन डॉलर का विमान उपहार में देना शामिल है।
ट्रंप ने निराशा व्यक्त करते हुए संवाददाताओं से कहा कि वह जिस
तरह से यह हुआ उससे बहुत दुखी हैं। उन्हाेेने कतरी नेतृत्व को आश्वासन दिया कि उनकी
धरती पर ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट
ने पुष्टि की कि ट्रंप ने गठबंधन की पुष्टि के लिए कतर के अमीर और प्रधानमंत्री से
बात की है।
हमले की आलोचना के बावजूद ट्रंप ने दोहराया कि हमास का खात्मा
एक सार्थक लक्ष्य बना हुआ है। उन्होंने इज़राइली बंधकों की रिहाई की
मांग की और युद्ध को तुरंत समाप्त करने का आग्रह किया।
बाद में व्हाइट हाउस के एक बयान में ट्रम्प ने सुझाव दिया कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अभी भी शांति के अवसर में बदला जा सकता है, यह दर्शाता है कि नेतन्याहू ने उन्हें संकेत दिया था कि इज़राइल एक त्वरित समाधान चाहता है।
इस बीच नेतन्याहू के कार्यालय ने स्पष्ट ताैर पर कहा है कि पूरी तरह से
स्वतंत्र इज़राइली अभियान से अमेरिका का कोई सरोकार नहीं था।
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(Udaipur Kiran) / नवनी करवाल
