
धमतरी, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । दुगली के बहारराय प्रांगण में नौ सितंबर को धमतरी जिले के राजस्व परिवर्तित 110 वनग्रामों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में वनग्रामों की गंभीर समस्याओं और किसानों की वर्तमान चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई।
ग्रामीणों ने बताया कि, आजादी के 78 वर्ष बाद भी उन्हें संवैधानिक अधिकार पूरी तरह प्राप्त नहीं हुए हैं। शासन द्वारा वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा तो दे दिया गया है, लेकिन अब तक काबिज जमीनों का दुरुस्तीकरण नहीं हुआ और न ही भुइंया पोर्टल पर जमीन का रिकार्ड अपलोड किया गया है। इस कारण ग्रामीण राजस्व गांवों जैसे अधिकारों से वंचित हैं। साथ ही सहकारी केन्द्रों में धान बेचने के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्यता को लेकर भी किसानों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की। इस विषय पर संघर्ष समिति के संयोजक मयाराम नागवंशी, जिलाध्यक्ष बंशीलाल सोरी और ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों ने विस्तार से चर्चा की। निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही जिला स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का चयन कर विभागीय मंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही भुइंया पोर्टल की ऑनलाइन प्रक्रिया से संबंधित त्रुटियों को भी प्रमुखता से उठाने का संकल्प लिया गया। जिलाध्यक्ष बंशीलाल सोरी ने कहा कि यदि शासन-प्रशासन ने समय रहते समस्याओं का समाधान नहीं किया तो ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
इस अवसर पर बुधराम साक्षी, गोवर्धन मंडावी, बीरबल पदमाकर, रवि नेताम, मकसुदन मरकाम, राजाराम मंडावी, चिंताराम वट्टी, रामकुंवर मंडावी, कलावती मरकाम, जिला संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र राज ध्रुव, मानकी बाई कुंजाम, टिकेश्वरी नेताम, जग्गु मंडावी, देवचंद उईके, रामेश्वर मरकाम, रामजी नेताम, इंदल सिंह, कोमलसिंह ध्रुव, घनश्याम नेताम, गणेश मरकाम, शिव प्रसाद नेताम, चन्द्रभान नाग, जालम सिंह नेताम, दशरत नेताम, हीरा सिंह मरकाम, मानसाय मरकाम, ओमप्रकाश सोरी, गौतम नेताम, पुनाराम मरकाम, अनिल पदमाकर, देवेन्द्र मंडावी, शंकरलाल नेताम, शत्रुघन कुंजाम, भगवान सिंह, जोहर नेताम सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
