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इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जजों के पद भरने की याचिका की सुनवाई छह हफ्ते बाद

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

–मुख्य न्यायाधीश नई पीठ करेंगे नामित

प्रयागराज, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के खाली पदों को भरने की मांग में दाखिल बहुचर्चित जनहित याचिका की सुनवाई मंगलवार को छह हफ्तों के लिए स्थगित कर दी गई। न्यायमूर्ति वी.के बिड़ला और न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि यह मामला मुख्य न्यायाधीश से नामांकन प्राप्त कर उपयुक्त पीठ के समक्ष लगाया जाए।

9 सितम्बर को सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि यह मामला छह हफ्तों बाद लिया जा सकता है, तब तक न्यायाधीशों की नियुक्तियों के मामले में और प्रगति हो सकेगी।

गौरतलब है कि, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 26 नामों की सिफारिश इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जज नियुक्ति के लिए की है। याचिकाकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश त्रिवेदी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस.एफ.ए. नक़वी और अधिवक्ता शाश्वत आनंद ने दलील दी कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लम्बित करीब 12 लाख मामलों का निपटारा गणितीय दृष्टि से असम्भव है, चाहे सभी 160 स्वीकृत पद ही क्यों न भर दिए जाएं। मौजूदा 87 न्यायाधीशों की स्थिति में तो यह और भी कठिन है। उनका कहना था कि यदि कोई नया मुकदमा दाखिल न भी हो, तो भी बैकलाग को खत्म करने में 5 से 10 साल लग जाएंगे। जबकि वास्तविकता यह है कि रोज नए मामले दाखिल होते हैं।

इसीलिए याचिका में मांग की गई है कि न केवल 160 न्यायिक पदों को तुरंत भरा जाए, बल्कि राज्य की 24 करोड़ से अधिक आबादी और बढ़ते मुकदमों के बोझ को देखते हुए हाईकोर्ट की स्वीकृत संख्या को भी काफी हद तक बढ़ाया जाए।

याचिकाकर्ता का कहना है कि न्याय पाने का अधिकार (अनुच्छेद 21) वर्तमान न्यायिक अधिकारियों की कमी और नियुक्ति में विलम्ब के कारण गम्भीर रूप से प्रभावित हो रहा है। न्यायमूर्ति वी.के बिड़ला 17 सितम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, इसलिए अब यह मामला छह हफ्तों बाद मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित नई पीठ के समक्ष सुना जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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