
जयपुर, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह रोडमैप पेश कर विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए जल्दी से जल्दी उचित और उपयुक्त भवन मुहैया कराने की जानकारी दे। इसके साथ ही अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे अध्ययन के काम आ रही स्कूलों और पढाई के लिए राज्य सरकार की ओर से की गई वैकल्पिक व्यवस्था का 15 सितंबर से 18 सितंबर के बीच रेंडम सर्वे कर अदालत में इसकी रिपोर्ट पेश करे। प्राधिकरण सचिव इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र के दूर-दराज वाली स्कूलों का विशेष ध्यान रखें। इस दौरान अदालत ने संबंधित कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों सहित जिला शिक्षा अधिकारियों को उचित व्यवस्था करने को कहा है। जस्टिस महेन्द्र गोयल और जस्टिस अशोक कुमार जैन की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत मामले में 19 सितंबर को सुनवाई करेगी।
सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने प्रमुख शिक्षा सचिव का शपथ पत्र पेश किया। महाधिवक्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रदेश की कई जर्जर स्कूल चिन्हित कर वहां अध्ययनरत विद्यार्थियों को वैकल्पिक स्थानों पर पढाया जा रहा है। इस पर अदालत ने कहा कि अब बच्चे टीन शेड के नीचे पढ रहे हैं, यह स्थिति ठीक नहीं है। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा की स्कूल भवनों की उचित व्यवस्था करने की क्या व्यवस्था है। इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार को रोडमैप पेश कर कोर्ट को इसकी जानकारी देने को कहा है। वहीं अदालत ने मौजूदा हालातों को जानने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों को निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। गौरतलब है कि झालावाड़ की एक स्कूल का भवन गिरने से विद्यार्थियों की मौत के बाद अदालत ने मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। वहीं गत सुनवाई पर अदालत ने जर्जर भवनों में पढाने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था। वहीं प्रमुख शिक्षा सचिव से वैकल्पिक व्यवस्था की जानकारी पेश करने को कहा था।
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(Udaipur Kiran)
