
देहरादून, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमालय दिवस के अवसर पर एक सेमिनार में विभिन्न हिमालयी राज्यों की भांति उत्तराखण्ड राज्य में पिछले वर्षों की तुलना में आज दैवीय आपदाओं से अत्यधिक जानमाल का नुक़सान क्यों होने पर विचार विमर्श किया गया।
मंगलवार काे उत्तरांचल उत्थान परिषद और श्री गुरु राम राय विश्व विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में पथरीबाग देहरादून में स्थित श्री गुरु राम राय (स्नातकोत्तर) महाविद्यालय के सभागार में एक सेमिनार हुआ। इसमें अस्थिर होता हिमालय, नैसर्गिक संरक्षण, समावेशी विकास एवं समाधान विषय पर विमर्श किया गया। इस सेमिनार का वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉ पीएस नेगी व अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया।
इस मौके पर उत्थान परिषद के मंत्री यशोदानंद कोठियाल ने विभिन्न जनपदों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित संस्कार केन्द्रों, विभिन्न सेवा प्रकल्पों एवं उत्तरांचल उत्थान परिषद के लाइब्रेरी व अन्य गतिविधियों की जानकारी दी गई। उन्होंने हिमालय दिवस के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तरांचल उत्थान परिषद की ओर से प्रतिवर्ष किये जाने वाले कार्यक्रमों की सूची में हिमालय दिवस एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।
मुख्य वक्ता पर्यावरणविद् सचिदानंद भारती ने पावर प्वाइंट प्रस्तुति के जरिए उत्तराखण्ड के विभिन्न पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण एवं जल संरक्षण के लिए परम्परागत एवं कतिपय अभिनव प्रयोगों के सकारात्मक परिणामों को समझाया। उन्होंने कहा कि विभिन्न हिमालयी राज्यों की भांति उत्तराखण्ड राज्य में भी समय-समय पर विभिन्न प्रकार की आपदायें आती रहे हैं लेकिन वर्षों पूर्व की तुलना में आज दैवीय आपदाओं से अत्यधिक जानमाल का नुक़सान क्यों हो रहा है ?, इन कारणों पर विचार करना अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डा पीएस नेगी ने पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण के द्वारा हिमालय के विषय में हिमालय के निर्माण एवं विभिन्न भू-गर्भीय गतिविधियों के विषय में अब तक की गई खोजों के आधार पर अपना वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि हिमालय की विभिन्न पर्वत श्रृंखलाओं में एवं उनके नीचे समय समय पर भूकम्प एवं अन्य प्राकृतिक गतिविधियां होना स्वाभाविक है। उन्होंने हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड में विगत कुछ वर्षों एवं हाल में भारी बारिश, ग्लेशियरों के खिसकने एवं बादल फटने की घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि पहाड़ी राज्यों की प्रकृति के अनुकूल सड़कों एवं उत्तरांचल उत्तरांचल उत्थान परिषद कार्यकारिणी एवं अन्य समस्त कार्यकर्ताओं कार्यों की सराहना की और साधुवाद दिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित देवभूमि विचार मंच के संयोजक पृथ्वीधर काला, श्री गुरु राम राय महा विद्यालय देहरादून के छात्र अनिल नेगी व छात्र ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के सह संयोजक नरेश चन्द्र कुलाश्री ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में उत्तरांचल उत्थान परिषद की उपाध्यक्ष ऊषा रावत, धर्मानंद उनियाल आनन्द सिंह रावत, विपुल जोशी, लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल, उमा दत्त सेमवाल आदि मौजूद रहे। शुभारंभ पर परिषद के महामंत्री ने उत्थान परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि एवं अन्य सभी अतिथियों का परिचय व सभी अतिथियों का बैज अलंकरण, स्मृति चिन्ह भेंट एवं शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता श्री गुरु राम राय (स्नातकोत्तर) महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रदीप सिंह व संचालन उत्तरांचल उत्थान परिषद के महामंत्री राजेश थपलियाल ने किया।
(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
