
अलवर, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने मंगलवार को नई दिल्ली के इंदिरा पर्यावरण भवन के गंगा ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2025 एवं वेटलैंड शहरों का सम्मान समारोह में अलवर शहर को अपनी श्रेणी में देश भर में तीसरे स्थान पर रहने के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर अलवर जिला कलक्टर एवं नगर निगम प्रशासक डॉ. आर्तिका शुक्ला तथा नगर निगम आयुक्त जितेंद्र सिंह नरूका को 25 लाख रूपये की इनामी राशि, प्रमाण- पत्र एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मिशन लाइफ का उद्देश्य पर्यावरण हितैषी जीवनशैली अपनाकर प्रकृति का संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि देश में स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनकेप) से 130 शहरों में नवाचार एवं तकनीक के उपयोग के संयुक्त प्रयासों से पर्यावरण प्रदूषण को कम किया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार आइडियाज फॉर लाइफ कार्यक्रम के माध्यम से सात विभिन्न विषयों पर कार्य कर रही है। उन्होंने स्वच्छ वायु के लिए सामूहिक भागीदारी के महत्व पर बल दिया। उन्होंने वर्ष 2017 से वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एजेन्सियों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने जल और ऊर्जा संरक्षण, अपशिष्ट को कम करने और बिहेवियर चेंज जैसे विषयों पर समाधान प्रस्तुत करने के लिए ‘आइडियाज फॉर लाइफ अभियान‘ में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के सांस्कृतिक महत्व पर जोर देते हुए समग्र पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम अभियान’ ने देश के जन-जन को पर्यावरण और भारतीय संस्कृति से जोड़ा है। स्वच्छता पखवाड़ा 17 से सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें 75 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही देश में इस वर्ष 75 नये नगर वन भी बनाये जाने की स्वीकृति जारी की गई है।
यादव ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2025 में अलवर शहर के देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त करने पर अलवरवासियो को बधाई देते हुए कहा कि विगत एक वर्ष के दौरान किए गए समन्वित प्रयासों का यह सुखद परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह स्थान प्राप्त करने के पश्चात हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि अलवर शहर को उत्तर भारत के सबसे स्वच्छ, सुन्दर व रमणीक शहर के रूप में अलवर को विकसित किया जावे।इसमें सबकी भागीदारी की महती आवश्यकता है।
पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव तन्मय कुमार ने बताया कि स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के अंतर्गत वायु प्रदूषण को सन 2025-26 तक 40 प्रतिशत तक कम करने के लिए एक पहल है। इसमें 130 शहरों को उनकी वायु गुणवत्ता में सुधार और शहर को विशिष्ट कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर रैंक दी जाती है जिसमें शहरों का मूल्यांकन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सडक धूल प्रबंधन, निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट का प्रबंधन, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन पर नियंत्रण, औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण, पीएम 10 सांद्रता में सुधार और जन जागरूकता में उनकी प्रगति के आधार पर किया जाता है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ वायु सर्वेक्षण का उद्देश्य शहरों को वायु प्रदूषण कम करने के प्रयासों को बढाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह सर्वेक्षण वायु प्रदूषण से निपटने के लिए भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। यह मूल्यांकन प्रतिवर्ष किया जाता है जिसमें शहरों के प्रदर्शन की निरंतर निगरानी और मूल्यांकन होता है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का लक्ष्य देश के 130 शहरों में पीएम 10 के वर्ष 2019-20 के स्तर से 2025-26 तक स्तर में 40 प्रतिशत तक की कमी या राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (60 यूजी/ए3) की उपलब्धि हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
समन्वित प्रयासों से आ रहें है सकारात्मक परिणाम
कलक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण में अलवर जिले को स्वच्छता रैंकिंग में 54वां स्थान प्राप्त होने के बाद अलवर शहर ने एक और उपलब्धि हासिल करते हुए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में देश भर में तीसरा स्थान स्थान प्राप्त किया है। यह अलवरवासियो के लिए गर्व का विषय है।उन्होंने शासन व प्रशासन व नागरिकों के समन्वित प्रयासों का यह सकारात्मक परिणाम हासिल हो पाया है। उन्होंने बताया कि अलवर शहर को एनकेप के तहत अभी तक कुल 24.32 करोड रूपये की राशि प्राप्त हुई जिसमें से करीब 22 करोड रूपये लगभग 90 प्रतिशत राशि का उपयोग किया जा चुका है। अधिकांश राशि 19 करोड रूपये की सडक मरम्मत एवं टाइल कार्य में उपयोग हुई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में अलवर शहर द्वारा वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए 50 प्रतिशत एनकेप राशि व्यय कर प्रमुख हॉटस्पॉट क्षेत्रों में करवाए गए जिनमें सडकों की मरम्मत, टाइल वर्क्स एवं पौधारोपण के कार्य, सभी मुख्य सडकों की मैकेनिकल स्वीपर से लगातार सफाई, लिगेसी कचरे का पूर्ण रूप से निस्तारण करके लिगेसी क्षेत्र को पार्क के रूप में विकसित करना, शहर के अंदर अव्यवस्थित कचरा ट्रांसफर केंद्र को व्यवस्थित एवं सुचारू रूप से चलाना, ग्रेप समय के दौरान पानी का सडकों पर छिडकाव कराना, ठोस कचरे के जीवीपी पॉइंट्स हटाने जैसे कार्य कराए गए। साथ ही क्लीन अलवर पोर्टल पर सफाई, लाइट से संबंधित शिकायतों व सुझाव का निस्तारण कराया गया।
नगर निगम आयुक्त जितेन्द्र सिंह नरूका बताया कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वच्छ वायु सर्वेक्षण प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनकेप) में शामिल देश के 130 शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माध्यम से सभी के लिए स्वच्छ वायु के लक्ष्य को हासिल करना और नागरिकों में वायु प्रदूषण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। इस वर्ष इन सभी 130 शहरों में तीन श्रेणियों में पुरस्कार दिए जिसमें अलवर शहर द्वितीय केटेगरी (3 लाख से 10 लाख तक की आबादी) में अलवर शहर देश भर में तीसरे स्थान पर रहा है।जिसके परिणामस्वरूप 25 लाख की इनामी राशि का चैक, प्रमाण पत्र और प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया।अलवर शहर ने कुल 200 अंको में से 197.6 अंक प्राप्त किये।इसी केटेगरी में प्रथम स्थान पर अमरावती (महाराष्ट्र) रहा जिसको 75 लाख रूपये की इनामी राशि व द्वितीय स्थान पर संयुक्त रूप से उत्तरप्रदेश के शहर झाँसी व मुरादाबाद रहें।
समारोह में वार्ड लेवल स्वच्छ वायु सर्वेक्षण की गाइडलाइन को लोंच किया गया तथा अलग-अलग शहरों की वायु गुणवत्ता के क्षेत्र में की गई बेस्ट प्रैक्टिस का सार संग्रह भी लोंच किया गया। पहली बार वेटलैंड शहर के रूप में पहली बार इंदौर तथा उदयपुर शहर का सम्मान किया गया।
समारोह में राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा,पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त सचिव वीर विक्रम यादव,नगर निगम अलवर के एनकेप विशेषज्ञ योगेश पूनिया पुरस्कृत होने वाले गणमान्य नागरिक, अधिकारी गण मौजूद रहें।
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(Udaipur Kiran) / मनीष कुमार
