
धमतरी, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने बीते 25 वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2000 की स्थिति की तुलना में वर्ष 2025 तक विभाग ने अनेक सुधारात्मक कदम उठाते हुए आम नागरिकों को पारदर्शी, सुलभ एवं तकनीक आधारित सेवाएँ उपलब्ध कराई हैं।
उपभोक्ता संरक्षण विभाग से मंगलवार काे प्राप्त जानकारी के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में सबसे बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। वर्ष 2000 में जिले में 296 शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालित थीं और राशनकार्डधारियों को मैनुअल पद्धति से राशन वितरण किया जाता था। आज वर्ष 2025 में यह प्रणाली पूर्णत: ऑनलाइन आधार प्रमाणीकरण से जुड़ चुकी है। वर्तमान में जिले की 484 शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से हितग्राहियों को समय पर और सही मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
राशनकार्ड की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2000 में जिले में 82,460 राशनकार्ड प्रचलित थे, जबकि वर्तमान में यह संख्या बढ़कर 2,58,352 हो चुकी है, जिनमें 2,33,429 बीपीएल कार्ड और 24,923 अन्य श्रेणी के कार्ड शामिल हैं। यह दर्शाता है कि विभाग ने सामाजिक सुरक्षा और खाद्य अधिकार सुनिश्चित करने में प्रभावी भूमिका निभाई है। धान खरीदी के क्षेत्र में भी विस्तार हुआ है। वर्ष 2000 में जिले में केवल 70 धान खरीद केंद्र संचालित थे, जबकि अब उनकी संख्या 100 हो चुकी है। इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को उनके उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी का लाभ मिल रहा है। इसी प्रकार कस्टम मिलिंग की व्यवस्था भी बढ़ी है। वर्ष 2000 में 135 राइस मिल पंजीकृत थे, जबकि वर्तमान में इनकी संख्या 226 तक पहुँच गई है। कुल मिलाकर, विभाग ने 25 वर्षों की इस यात्रा में पारदर्शिता, तकनीकी नवाचार, हितग्राहियों की सुविधा और किसानों की आर्थिक उन्नति को प्राथमिकता देते हुए निरंतर प्रगति का उदाहरण प्रस्तुत किया है। रजत जयंती वर्ष में ये उपलब्धियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि विभाग ने खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा में अहम भूमिका निभाई है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
