Jharkhand

श्राद्ध पक्ष में भागवत कथा सुनने से मिलता है अधिक लाभ : चैतन्य मीरा

कथावाचन करती मां चैतन्य मीरा

रांची, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की ओर से अग्रसेन भवन में चल रहे भागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार को भागवत कथावाचक मां चैतन्य मीरा ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा या श्री राम कथा का श्राद्ध पक्ष में श्रवण करने से अत्यधिक लाभ होता है।

उन्होंने कहा कि इससे हम अपने पितरों को शांति और प्रभु के चरणों में स्थान दिलाते हैं। इससे वे प्रसन्न होते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व है कि हम हमारे बड़े बुजुर्ग या परिवार के कोई भी सदस्य जो शरीर को छोड़ चुके हैं उन्हें इन कथाओं के माध्यम से उनके दोष और विकारों को दूर करके उन्हें प्रभु के बैकुंठ धाम में निवास दिलवाएं। जब हम इस प्रकार की कथाएं सुनते हैं तो इससे न केवल आध्यात्मिक रूप से हमारे जीवन का विकास होता है बल्कि इनके माध्यम से हम अपने नित्य जीने की कला को भी सीखते हैं।

श्रीमद्भागवत कथा सिखाती है जीवों से प्रेम करना

मां चैतन्य मीरा ने कहा कि किस प्रकार से मनुष्य का मनुष्य से प्रेम, मनुष्य का जीवों से प्रेम होता है यह श्रीमद्भागवत कथा हमें सिखाती है।

कथा के माध्यम से गुरु मां ने बताया कि कई संत ऐसे हैं जो सिर्फ श्रीमद् भागवत को अपना आराध्य मानते हैं। क्योंकि श्रीमद्भागवत कथा ही है जो हमें श्री कृष्ण से मिलाती है और श्री कृष्ण अपनी आराध्या राधा रानी के बिना अधूरे हैं। इसलिए कथा को श्रवण करने से ही हम श्री कृष्ण और राधा को पा सकते हैं। लेकिन कथा को श्रवण करने के कुछ नियम हैं, उन नियमों का पालन करके संतों ने हरी को पा लिया। यदि हम भी सहज भाव से कथा को श्रवण करें तो हम वास्तविकता में प्रभु को समझ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कृष्ण ने उद्धव को बताया कि जो भी मुझे स्मरण करेगा या जो भी मुझे पाना चाहेगा उसका एकमात्र साधन श्रीमद् भागवत होगा।

कथा के अंत में मां चैतन्य मीरा ने बताया कि सभी को अपनी संपूर्ण ऊर्जा के साथ प्रभु का सुमिरन करना चाहिए ताकि हम इस कथा के माध्यम से इसकी महिमा को अपने जीवन में उतारकर समाज का कल्याण कर सके।

गुरु मां ने उनकी ओर से चलाए जा रहे नेचुरोपैथी आयुर्वेद हॉस्पिटल और रिट्रीट सेंटर के बारे में भी बताया जहां पर बिना दवा के मसाज थेरेपी, हाइड्रोथेरेपी, मडथेरेपी, ओजोनथेरेपी, योग, फिजियोथैरेपी, एक्यूप्रेशर, डाइट थेरेपी, स्टीम और जकूजी के माध्यम से अनुभवी डॉक्टर और उनकी टीम की ओर से इलाज किया जाता है।

कथा में मारवाड़ी महिला मंच रांची शाखा की ओर से राधा रानी शिक्षा कोष प्रारंभ किया गया जिसमें मंच की सदस्य अनीता गुप्ता की पोती झलक गुप्ता ने अपनी गुल्लक को फोड़ कर सबसे पहले सहयोग किया इसमें मंच की महिलाओं की ओर से 51 हजार रुपये का सहयोग दिया गया। इस कोष के प्रभारी प्रभाकर अग्रवाल ने बताया कि इस कोष के माध्यम से उन गरीब कन्याओं की शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी जो कहीं ना कहीं शिक्षा के अभाव में पीछे रह जाती हैं और इस कारण ज्ञान होने के बाद भी उनका भविष्य खराब हो जाता है।

कथा में झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल, महामंत्री विनोद कुमार जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ललित कुमार पोद्दार, संकटमोचन बालाजी परिवार की ओर से सुनयना लॉयलका, लालचंद बघगड़िया एक्युप्रेशर संस्थान से रमाशंकर बघगड़िया का व्यास पीठ से सम्मान किया गया। कथा के अंत में समिति के सदस्यों की ओर से आरती की गई और प्रसाद का वितरण किया गया।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak

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