Uttrakhand

‘हिमालय कॉलिंग 2025’ का राज्यपाल ने किया उद्घाटन

देहरादून, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने मंगलवार को यूपीईएस में हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर लर्निंग एंड लीडरशिप (हिल) के तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन ‘हिमालय कॉलिंग 2025’ का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन हिमालय की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और बौद्धिक धरोहर को समर्पित है, जिसमें देश व विदेश के चिंतक और पर्यावरणविद् चिंतन और मंथन करेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल ने परिसर में हिमालय के उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि हिमालय के संरक्षण में ही मानवता और प्रकृति का कल्याण निहित है। आज प्रकृति हमें बार-बार चेतावनी दे रही है। कभी बाढ़ और बादलों के फटने के रूप में तो कभी बढ़ती गर्मी और प्रदूषण के रूप में। यह संकेत हैं कि जल, जंगल और जमीन की अनदेखी मानवता के लिए संकट बन रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, नदियों का प्रदूषण और कंक्रीट के जंगल हमारे अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहे हैं। हमें यह समझना होगा कि प्रकृति ने जो दिया है, उसे उसी के स्थान पर रहने देना आवश्यक है। हम सभी को इस चेतावनी को समझना होगा और पौधरोपण, जल संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में पहल करनी होगी।

राज्यपाल ने कहा कि ‘हिमालय कॉलिंग’ हिमालय की रक्षा और संरक्षण के लिए हम सभी की सामूहिक प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि हिमालय हमारी धरती और हमारी आत्मा दोनों के संरक्षक हैं। उन्होंने यूपीईएस की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह मंच वैज्ञानिकों, नीति-निर्माताओं, छात्रों और विभिन्न समुदायों को एक साथ लाकर स्थायी समाधान खोजने का प्रयास कर रहा है।

(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल

Most Popular

To Top