
प्रयागराज, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran) । भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से प्रति वर्ष आयोजित होने वाले इंस्पायर पुरस्कार के लिये आवेदन की प्रक्रिया जारी है। किन्तु अब तक समस्याओं के चलते लक्ष्य के अनुरूप आवेदन नहीं हो पाए हैं। जिसके लिये प्रधानाचार्यों ने नामांकन तिथि बढ़ाने की मांग की है।
इस सम्बंध में ’आव्या फाउंडेशन’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महेंद्र प्रताप सिंह पब्लिक स्कूल (सी.बी.एस.ई) के उप प्रधानाचार्य संजय श्रीवास्तव ने बताया कि नामांकन की दरों में कमी का कारण यह भी है कि कुछ विद्यार्थियों के बैंक में खाता नहीं है। जिसके विवरण की आवश्यकता नामांकन के समय पड़ती है। क्योंकि उनका प्रोजेक्ट चयन होने के बाद प्रोत्साहन राशि के तौर पर उनके बैंक खाते में 10 हजार रुपये की धनराशि पुरस्कार स्वरुप विभाग द्वारा भेजी जाती है। कुछ विद्यार्थियों का आधार अपडेट नहीं हैं या उनमें त्रुटियां हैं।
उन्होंने कहा कि किसी-किसी विद्यालय में यह समस्या आ रही है कि वहां के प्रधानाचार्य या प्रधानाचार्या विद्यालय छोड़ कर जा चुके हैं और यूजर आईडी के लिए ओ.टी.पी उन्हीं के मोबाइल पर जाने से नामांकन में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर विद्यालयों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की मांग है कि विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुये विद्यार्थियों की अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये नामांकन की तिथि कम से कम एक सप्ताह और बढ़ाई जाये।
उप प्रधानाचार्य ने बताया कि इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम के सभी बोर्ड के विद्यार्थियों को प्रतिभाग करने का मौका मिलता है। जिसमें विद्यार्थियों के लिये यह एक सुनहरा अवसर है कि वे अपने नवाचार प्रयोगों और अनुभवों को वैज्ञानिक अनुसंधान का रुप दे सकते हैं। जो न केवल उनकी वैज्ञानिक जिज्ञासा को शांत करेगा अपितु विज्ञान के प्रति उनकी जागरूकता बढ़ाने का कार्य करेगा।
अभी तक यह कार्यक्रम केवल 6 से 10वीं तक के विद्यार्थियों के लिए था, लेकिन इस वर्ष 11वीं एवं 12वीं के भी विद्यार्थियों को अपने नवाचार प्रोजेक्ट से सम्बंधित विचार रखने का अवसर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विद्यालय से कक्षा छह से बारह तक के कुल पांच विद्यार्थियों का नामांकन विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा किया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
