जम्मू, 8 सितंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू और कश्मीर की भाजपा प्रवक्ता और जम्मू की पूर्व उप-महापौर एडवोकेट पूर्णिमा शर्मा ने आज श्रीनगर स्थित हजरतबल दरगाह में अशोक चिन्ह के साथ छेड़छाड़ करने वालों को कथित तौर पर बचाने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
इस घटना को भारत की आत्मा पर एक अक्षम्य हमला बताते हुए वरिष्ठ भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को विकृत करने का कोई भी प्रयास केवल तोड़फोड़ नहीं है बल्कि भारत की संप्रभुता के लिए एक सीधी चुनौती और राष्ट्र-विरोधी उकसावे की कार्रवाई है।
इस मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने का स्वागत करते हुए उन्होंने कानून के सख्त प्रावधानों के तहत सभी संबंधित लोगों की शीघ्र गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने की मांग की। उन्होंने ज़ोर देकर कहा सिर्फ़ एफ़आईआर काफ़ी नहीं हैं। दोषियों पर सख़्त क़ानूनों के तहत मुक़दमा दर्ज किया जाना चाहिए जिसमें अगर लागू हो तो देशद्रोह भी शामिल है। किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।
एडवोकेट पूर्णिमा शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन की चुप्पी की कड़ी आलोचना की और इसे राजनीतिक कायरता और ख़तरनाक तुष्टिकरण करार दिया। उन्होंने सवाल किया कि उसके किसी भी नेता ने इस कृत्य की निंदा क्यों नहीं की। उन्होंने पूछा, क्या उनकी चुप्पी इस राष्ट्र-विरोधी अपराध का समर्थन है? क्या वे वोट-बैंक की राजनीति के लिए इतने बेताब हैं कि भारत के राष्ट्रीय प्रतीक की गरिमा के लिए आवाज़ नहीं उठा सकते?
उन्होंने माँग की कि जो भी राजनीतिक दल या नेता तोड़फोड़ करने वालों को सही ठहराते बचाते या परोक्ष रूप से उनका समर्थन करते पाए जाएँ, उन्हें क़ानूनी कार्रवाई का सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा जो लोग ऐसे अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्रदान करते हैं वे किसी सहयोगी से कम नहीं हैं। जब राष्ट्र का गौरव दांव पर हो तो कोई भी व्यक्ति या दल क़ानून से ऊपर नहीं होना चाहिए।
इस मुद्दे की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय प्रतीकों और स्मारकों की विशेष निगरानी और सुरक्षा तैनात करने का आग्रह किया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, आज अशोक चिह्न है—कल हमारा संविधान भी हो सकता है। हम आत्मसंतुष्टि बर्दाश्त नहीं कर सकते।
(Udaipur Kiran) / SONIA LALOTRA
