
जयपुर, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । श्राद्ध के पहले दिन ही खग्रास चंद्रग्रहण पर शहर भर के मंदिरों के पट मंगल रहे। इसी बीच शहर भर के मंदिरों में हरिनाम संकीर्तन चलता रहा। इसी बीच विशेष व्यवस्थाओं के अंतर्गत श्रद्धालुओं ने अपने भगवान के दर्शन किए। मध्याह्न 12.57 बजे से सूतक प्रारंभ हुआ। रात्रि 9.57 बजे चंद्र ग्रहण आरंभ हुआ। इस अवसर पर ठाकुर श्रीजी के विशेष दर्शन रात्रि 9.50 बजे से लेकर 1.30 बजे तक खुले रहे। इस दौरान निरंतर हरिनाम संकीर्तन हुआ और श्रद्धालु भाव-विभोर होकर ठाकुर जी की आराधना में लीन रहे। इस दौरान परिक्रमा बंद रही। ग्रहण काल में श्रद्धालुओं की आवाजाही भी बंद रही। ग्रहण शुद्धि के बाद रात्रि 1.26 बजे पूरे मंदिर प्रांगण का गंगाजल मिले जल से प्रक्षालन किया गया। शहर के प्रमुख मंदिर गोविंद देवजी, मोती डूंगरी गणेश मंदिर , सीताराम मंदिर , चांदपोल हनुमान जी मंदिर ,खोले के हनुमान जी मंदिर में भगवान के समक्ष पर्दा लगाया गया।
श्री गोविंद धाम ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देव जी में रविवार की रात्रि खग्रास चंद्रग्रहण पर्व पर विशेष व्यवस्थाओं के अंतर्गत श्रद्धालुओं ने ठाकुर श्रीजी के दर्शन किए। मध्याह्न 12.57 बजे से सूतक प्रारंभ हुआ। रात्रि 9.57 बजे चंद्र ग्रहण आरंभ हुआ। इस अवसर पर ठाकुर श्रीजी के विशेष दर्शन रात्रि 9.50 बजे से लेकर 1.30 बजे तक खुले रहे। इस दौरान निरंतर हरिनाम संकीर्तन हुआ और श्रद्धालु भाव-विभोर होकर ठाकुर जी की आराधना में लीन रहे। इस दौरान परिक्रमा बंद रही। ग्रहण काल में श्रद्धालुओं की आवाजाही भी बंद रही। ग्रहण शुद्धि के बाद रात्रि 1.26 बजे पूरे मंदिर प्रांगण का गंगाजल मिले जल से प्रक्षालन किया गया। इसके बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक कर श्रृंगार किया गया। इससे पूर्व पूर्णिमा तिथि पर सुबह ठाकुर श्री गोविंद देव जी का मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी महाराज के सान्निध्य में पंचामृत अभिषेक कर विशेष श्रृंगार किया गया। ठाकुर जी को श्वेत वस्त्र धारण कराए गए, श्वेत पुष्पों से अलंकरण किया गया और विशेष भोग अर्पित किया गया।
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(Udaipur Kiran)
