Uttar Pradesh

सीएसजेएमयू व बाल विकास विभाग के बीच हुआ एमओयू, बच्चों के समग्र विकास को करेगा सुनिश्चित: कुलपति

सीएसजेएमयू व बाल विकास विभाग की बीच हुआ एमओयू साइन

कानपुर, 07 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के कल्याणपुर में स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) की बाल संरक्षण एवं पुनर्वास के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल महिला एवं बाल विकास विभाग उप्र सरकार के साथ एमओयू किया है। यह जानकारी रविवार को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने दी।

कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम, 2015 एवं पॉक्सो अधिनियम, 2012 के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (जेटीआरआई), लखनऊ, यूनिसेफ एवं उच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को नालंदा सभागार, जे.टी.आर.आई., लखनऊ में राज्य स्तरीय परामर्श बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में शेल्टर होम बच्चों के विकास में विश्वविद्यालयों की भूमिका पर कुलपति ने जोर दिया।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने “शेल्टर होम बच्चों के लिए विश्वविद्यालय की भूमिका दंडात्मक से सुधारात्मक शिक्षा एवं समग्र विकास की दिशा में पुनर्वास विषय पर सारगर्भित प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण संस्थानों में रह रहे बच्चों के लिए सुधारात्मक, शिक्षा-केंद्रित एवं पुनर्वास-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाना समय की मांग है।

प्रो. पाठक ने विश्वविद्यालय की बहुविषयी विशेषज्ञता को रेखांकित करते हुए बताया कि मनोविज्ञान, समाज कार्य, शिक्षा, कृषि एवं उद्यान, योग एवं शारीरिक शिक्षा, होटल प्रबंधन, भाषा एवं मानविकी, ललित कला व संगीत, फैशन डिजाइनिंग जैसे विभाग शैक्षणिक ब्रिज कोर्स, व्यावसायिक प्रशिक्षण, स्वास्थ्य, पोषण एवं आजीविका विकास में प्रभावी योगदान दे सकते हैं। उन्होंने “युवा-से-युवा सम्पर्क” जैसे स्वयंसेवी कार्यक्रमों की सराहना की, जिसके माध्यम से विश्वविद्यालय के छात्र शेल्टर होम बालिकाओं के साथ सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।

कुलपति ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने की। विशिष्ट अतिथियों में डॉ ज़कारिया आदम, प्रमुख, फील्ड ऑफिस, यूनिसेफ, लखनऊ; लीना जोहरी, प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश; न्यायमूर्ति अजय भनोट, अध्यक्ष, किशोर न्याय समिति; तथा न्यायमूर्ति राजन रॉय, अध्यक्ष, पर्यवेक्षण समिति, जेटीआरआई उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का स्वागत भाषण दिवेश चन्द्र सामंत, निदेशक, जेटीआरआई द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन मयंक त्रिपाठी, रजिस्ट्रार (न्यायिक विकास), इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ द्वारा किया गया। इस मौके पर शिखा श्रीवास्तव, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन), जेटीआरआई एवं निशांत देव, अतिरिक्त निदेशक (प्रशिक्षण), जेटीआरआई भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के प्रो. संदीप कुमार सिंह, डॉ. शशि किरण, डॉ. सोनाली धनवानी एवं डॉ. प्रियंका शुक्ला ने सक्रिय सहभागिता की।

–एमओयू पर हस्ताक्षर, मिलकर करेंगे कार्यछत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर एवं उत्तर प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

कुलपति ने बताया कि इस समझौते का उद्देश्य बाल संरक्षण संस्थानों (सीसीआईएस) में रह रहे बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। इस सहयोग के अंतर्गत विश्वविद्यालय के छात्र शैक्षणिक सहायता, सांस्कृतिक गतिविधियाँ, स्वास्थ्य जागरूकता, डिजिटल साक्षरता एवं करियर मार्गदर्शन जैसे क्षेत्रों में योगदान देंगे।

उन्होंने कहा कि “एक छात्र-एक बालक” जैसी मेंटरशिप योजनाओं के माध्यम से व्यक्तिगत सहयोग सुनिश्चित किया जाएगा। समझौते के अनुसार, विभाग प्रशासनिक सहयोग एवं प्रशिक्षण का वित्तपोषण करेगा, जबकि विश्वविद्यालय भागीदारी की निगरानी एवं प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। यह समझौता तीन वर्षों के लिए प्रभावी रहेगा और आपसी सहमति से इसकी अवधि बढ़ाई जा सकेगी। यह साझेदारी न केवल बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी, बल्कि उच्च शिक्षा को समाज से जोड़ने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम सिद्ध होगी।

(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद

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