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गोविन्द देवजी मंदिर में सम्पन्न हुआ पितृ तृप्ति महायज्ञ

गोविन्द देवजी मंदिर में सम्पन्न हुआ पितृ तृप्ति महायज्ञ
गोविन्द देवजी मंदिर में सम्पन्न हुआ पितृ तृप्ति महायज्ञ

जयपुर, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । श्राद्ध पक्ष एवं चन्द्रग्रहण के उपलक्ष्य में रविवार को गोविन्द देवजी मंदिर प्रांगण में पंचकुंडीय पितृ तृप्ति गायत्री महायज्ञ सम्पन्न हुआ। श्री मन्माध्व गौड़ेश्वराचार्य महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में तीन पारियों में लगभग 200 श्रद्धालुओं ने अपने दिवंगत पितृगणों की स्मृति में काले तिल, जो, चावल एवं घृत से आहुतियां अर्पित कीं।

इससे पूर्व मंदिर सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने ठाकुर श्री गोविन्द देवजी, वेदमाता गायत्री एवं गुरु सत्ता का पूजन किया। आचार्य पीठ से गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की गायत्री कचोलिया, गायत्री तोमर, डॉ. अजय भारद्वाज और सृष्टि ने प्रज्ञा गीतों के साथ यज्ञ सम्पन्न कराया।

प्रवचन में डॉ. अजय भारद्वाज ने कहा कि पितर हमारे अदृश्य सहायक हैं। उच्च संस्कारों वाली अशरीरी आत्माएँ आकस्मिक सहायता एवं अनुग्रह प्रदान कर मार्गदर्शन करती हैं। पितरों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करने से उनका आशीर्वाद जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों में विशेष बल देता है। उन्होंने कहा कि जीवन में प्रगति, सद्भाव और शांति तभी संभव है जब हम अपने पूर्वजों का स्मरण कर उनके द्वारा दिखाए गए आदर्शों को आचरण में लाएँ।

उन्होंने कहा कि पितरों को केवल कर्मकांड से नहीं, बल्कि अपने व्यवहार, सदाचार और सेवा कार्यों से भी तृप्त किया जा सकता है। माता-पिता और बड़ों की आज्ञा मानना, बुजुर्गों की सेवा करना, वंश परंपरा की श्रेष्ठ परंपराओं को आगे बढ़ाना ही वास्तविक पितृ तर्पण है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ आत्माएँ इतनी प्रखर होती हैं कि वे स्वप्न, विचार या किसी माध्यम से हमें संकेत देकर जीवन में सही दिशा प्रदान करती हैं। यदि हम कृतज्ञता के भाव से पितरों की स्मृति का सम्मान करें, तो वे हमारे जीवन के अदृश्य मार्गदर्शक और शुभचिंतक बनते हैं।

श्रद्धालुओं ने अपने पितरों के लिए विशेष आहुतियां अर्पित कर श्रद्धाभाव प्रकट किया। जिनका श्राद्ध भाद्रपद पूर्णिमा को था, उनके लिए भी विशेष हवन कराया गया। भारतीय श्रद्धालुओं के साथ एक विदेशी दंपति ने भी यज्ञ में भाग लिया। उन्होंने यज्ञ के ज्ञान-विज्ञान को समझते हुए श्रद्धापूर्वक अग्नि में आहुतियां अर्पित कीं और अपने पितरों का स्मरण किया।

यज्ञ के अवसर पर आधा दर्जन श्रद्धालुओं ने अपना जन्मदिन भारतीय संस्कृति के अनुरूप पंचतत्व पूजन के साथ मनाया। इस अवसर पर मंदिर प्रशासन की ओर से सभी को ठाकुर श्री गोविन्द देवजी का चित्र, प्रसाद और दुपट्टा भेंट स्वरूप प्रदान किया गया। गायत्री चेतना केंद्र, जनता कॉलोनी की ओर से सत्साहित्य की प्रदर्शनी लगाई गई, जहाँ श्रद्धालुओं ने प्रेरणादायक पुस्तकें काम लागत मूल्य पर प्राप्त कीं।

यज्ञ की पूर्णाहुति में श्रद्धालुओं ने “जूठन नहीं छोड़ेंगे, एक पेड़ अवश्य लगाएंगे, मोबाइल का अत्यधिक उपयोग नहीं करेंगे” जैसे संकल्प लिए। साथ ही सभी ने प्रतिदिन गायत्री मंत्र जाप करने और सूर्य भगवान को अर्घ्य देने जैसी श्रेष्ठ आदतों को जीवन में अपनाने का प्रण भी किया।

गोविंद देव जी मंदिर की ओर से यज्ञ सामग्री निशुल्क उपलब्ध करवाई गई। श्रद्धालुओं को युग निर्माण सत्संकल्प पत्रक एवं गायत्री चालीसा भेंट स्वरूप दी गई। आगामी रविवार, 14 सितम्बर को प्रातः 8 से 10 बजे तक पितृ पुष्टि पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन पुनः निशुल्क किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran)

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