
कठुआ, 07 सितंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू कश्मीर यूनाइटेड स्कूल टीचर्स एसोसिएशन की जिला समिति की एक आयोजित की गई। जिसमें नियमितीकरण, पदोन्नति और पेंशन लाभों में देरी, स्कूलों के बुनियादी ढांचे में त्वरित सुधार जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
कठुआ में प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. शशि पाल सिंह ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के अध्यापक वर्ग से अपील की कि मौजूदा प्राकृतिक आपदाओं के बीच बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों की पढ़ाई की निरंतरता बनाए रखने के लिए आगे आना चाहिए। सरकारी उदासीनता पर कड़ा रोष व्यक्त करते हुए डॉ. सिंह ने जम्मू-कश्मीर सरकार की आलोचना की कि सेवानिवृत्ति के एक वर्ष बाद भी सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को पेंशन संबंधी लाभ जारी नहीं किए गए हैं। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग की भी निंदा की कि व्याख्याताओं, हेडमास्टरों और जोनल अधिकारियों को 13 वर्षों की सेवाओं के बावजूद नियमित नहीं किया गया है। उस्ता ने विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें तत्काल बुलाने की मांग की, जिसमें सभी वर्गों जैसे प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक से चयनश्रेणी, प्रयोगशाला सहायक, पुस्तकालय सहायक, शिक्षक और मास्टर्स को शामिल किया जाए। डॉ. सिंह ने आगे कहा कि व्याख्याताओं का समुदाय समय पर पदोन्नति न मिलने से कष्ट झेल रहा है, जबकि यह करियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत उनका अधिकार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्षों तक पदोन्नति न देना न केवल शिक्षकों का मनोबल गिराता है, बल्कि शिक्षा प्रणाली की दक्षता को भी कमजोर करता है। संविदात्मक आधार पर कार्यरत शिक्षकों की समस्याओं को रेखांकित करते हुए डॉ. सिंह ने सरकार से मांग की कि स्कूलों और कॉलेजों से संविदात्मक व्यवस्था को समाप्त किया जाए और सभी रिक्त पदों को नियमित भर्ती से भरा जाए। उन्होंने क्लस्टर रिसोर्स सेंटर स्टाफ के लिए समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत को लागू करने और केंद्रशासित प्रदेश में स्कूलों के बुनियादी ढांचे को तुरंत उन्नत करने पर जोर दिया।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
