HimachalPradesh

करसोग अस्पताल में व्यवस्था परिवर्तन का असर, मरीजों को मिल रही नई सुविधाएं

करसोग अस्पताल।

मंडी, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश सरकार के व्यवस्था परिवर्तन संकल्प का असर अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है। सिविल अस्पताल करसोग में हाल ही में किए गए बदलाव इस बात का प्रमाण हैं कि छोटे-छोटे लेकिन प्रभावी कदम उठाकर स्वास्थ्य व्यवस्था को नई दिशा दी जा सकती है। इन कदमों से न केवल मरीजों को बेहतर सुविधा मिल रही है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भरोसा और पारदर्शिता भी बढ़ रही है।

बीते कुछ महीनों में अस्पताल में अनेक छोटे लेकिन दूरगामी असर डालने वाले बदलाव किए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप मरीजों और उनके परिजनों को पहले की अपेक्षा अब अधिक सुविधाजनक माहौल मिल रहा है। राज्य सरकार की ओर से अस्पताल को सुदृढ़ करने के लिए नई एक्स-रे मशीन उपलब्ध करवाई गई है और जल्द ही सीटी स्कैन मशीन भी लगाई जा रही है। इसके अलावा अस्पताल में स्त्री रोग, हड्डी रोग, सर्जन, शिशु रोग और डेंटल विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है। रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की प्रक्रिया भी जारी है। इन आधुनिक सुविधाओं के बाद करसोग और आसपास के हजारों मरीजों को बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।

अस्पताल की ओपीडी व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। पहले जहां मरीजों को लंबी लाइनों में इंतजार करना पड़ता था, वहीं अब टोकन सिस्टम लागू कर दिया गया है। इस व्यवस्था से भीड़-भाड़ और अव्यवस्था खत्म हुई है। गंभीर मरीजों के लिए आपातकालीन सेवाओं में अलग से पंजीकरण व्यवस्था बनाई गई है, जिससे तुरंत इलाज सुनिश्चित हो पा रहा है।

अस्पताल प्रशासन ने एक अनोखी पहल की है। अब प्रतिदिन शाम को अस्पताल की ओर से हेल्थ बुलेटिन जारी किया जाता है। इसमें ओपीडी, आईपीडी, एमरजेंसी, ऑपरेशन थिएटर की गतिविधियों, दिनभर के फील्ड कार्यक्रमों और अगले दिन की योजनाओं की जानकारी आमजन के साथ साझा की जाती है। इससे लोगों को पहले ही जानकारी मिल जाती है कि उनके गांव या आसपास स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कौन-सी गतिविधियां होने वाली हैं।

राज्य सरकार के निर्देशानुसार अस्पताल प्रशासन केवल इलाज तक ही सीमित नहीं है, बल्कि लोगों को जागरूक करने की दिशा में भी विशेष बल दिया जा रहा है। प्रतिदिन किसी न किसी विषय पर फील्ड में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें एचआईवी, क्षय रोग, मौसमी बीमारियों और अन्य जनस्वास्थ्य से जुड़े विषय शामिल होते हैं। इस पहल से न केवल लोग जागरूक हो रहे हैं बल्कि रोगों की रोकथाम में भी मदद मिल रही है।

सरकार ने अस्पताल कर्मचारियों और अधिकारियों की सेहत का भी ध्यान रखा है। उनके लिए नियमित स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम शुरू किए गए हैं ताकि जो लोग जनता को स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं, वे स्वयं भी स्वस्थ रह सकें और बेहतर ढंग से सेवाएं प्रदान कर सकें।

बीएमओ करसोग डॉ. गोपाल चौहान ने कहा कि राज्य सरकार के व्यवस्था परिवर्तन संकल्प के तहत अस्पताल में अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं। इनके परिणामस्वरूप अस्पताल की पुरानी व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आया है और यह पूरी तरह जनहित और मरीज हित में है ताकि किसी भी मरीज को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े।

—————

(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

Most Popular

To Top