आसनसोल, 07 सितंबर (Udaipur Kiran) । रविवार को पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल होने बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे भाजपा-शासित राज्यों से बड़ी संख्या में उम्मीदवार पहुंचे।
रविवार को आसनसोल के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में बड़ी संख्या में बंगाल के उम्मीदवारों के साथ-साथ बाहर से आए परीक्षार्थियों की भीड़ देखी गई। इनमें कोई उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और गाजीपुर से आया था, तो कोई झारखंड के देवघर से। एक महिला अपने आठ माह के शिशु को गोद में लेकर परीक्षा केंद्र तक पहुंचीं थी।
उत्तर प्रदेश से आए एक उम्मीदवार ने कहा कि पहली बार बंगाल में परीक्षा दे रहा हूं। मेरा विषय हिंदी है। वहां भी परीक्षा दे रहा हूं, यहां भी। जहां नौकरी मिलेगी, वहीं काम करूंगा।
प्रयागराज निवासी संदीप कुमार यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की स्थिति बेहद खराब है। न तो परीक्षा होती है, न नौकरी मिलती है। इसलिए बंगाल में एसएससी परीक्षा देने आया हूं, वरना क्यों आता?
यूपी के ही एक अन्य अभ्यर्थी ने रोष जताते हुए कहा कि 2022 में टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं मिली। योगीराज में नौकरी नहीं है। बंगाल सरकार पर भरोसा है, इसलिए यहां परीक्षा देने आए हैं।
संतान को गोद में लेकर परीक्षा देने पहुंचीं पुजा ने भी कहा कि बंगाल सरकार पर पूरा विश्वास है। परीक्षा सही तरह से होगी तो नौकरी जरूर मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासी मजदूरों के कथित उत्पीड़न को लेकर राजनीतिक हलचल मची थी। विपक्ष का आरोप रहा कि रोजगार के अभाव में बंगाल से मजदूरों को पेट की आग बुझाने के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। लेकिन बंगाल में नौकरी पाने की आस में दूसरे राज्यों के युवाओं के आने से राजनीतिक समीकरण बदलते दिखाई दे रहे हैं।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने एक्स पर लिखा, “बंगाल एसएससी की परीक्षा देने आज योगीराज समेत डबल इंजन सरकार वाले राज्यों के उम्मीदवार आए हैं। उनका कहना है कि वहां न तो परीक्षा ठीक से होती है, न नौकरी मिलती है। कई बार परीक्षा स्थगित होती है। इसलिए वे यहां परीक्षा देने आए हैं। क्या समझे? यहां किसी ने यह नहीं कहा कि बंगाल की नौकरी की परीक्षा सिर्फ बंगालियों के लिए है। किसी को रोका नहीं गया, अपमान नहीं किया गया। जय बंगला।”
हालांकि, खबर लिखे जाने तक इस मुद्दे पर भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं मिली थी।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
