
नई दिल्ली, 06 सितंबर (Udaipur Kiran) । कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) ने कम राशि वाले दावों के लिए दस्तावेज प्रक्रिया को सरल बनाने की पेशकश की है।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में कहा है कि निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) द्वारा गठित समिति ने निवेशकों के कम मूल्य के दावों के लिए सरल दस्तावेजीकरण का प्रस्ताव दिया है। मंत्रालय के मुताबिक समिति के सुझाव आईईपीएफए द्वारा अपनाए जाने के बाद 5 लाख रुपये (भौतिक प्रतिभूतियों के लिए), 15 लाख रुपये (डीमैट प्रतिभूतियों के लिए) और 10,000 रुपये तक के लाभांश के दावों पर लागू होंगे।
आईईपीएफए के पास पड़े बिना दावे वाले शेयरों की कुल संख्या 1.1 अरब से ज्यादा है, जिसका मूल्य लगभग 1 लाख करोड़ रुपये है, जबकि बिना दावे वाले लाभांश का कुल मूल्य करीब 6,000 करोड़ रुपये है। आईईपीएफए समिति ने मौजूदा प्रक्रियाओं की समीक्षा की और कम मूल्य के दावों के मामलों में दस्तावेज़ीकरण को सरल बनाने के लिए सुधारों की सिफ़ारिश की। इस पहल से समय सीमा में उल्लेखनीय कमी आने, पारदर्शिता में सुधार और निवेशकों को परेशानी मुक्त सेवाएं मिलने की उम्मीद है।
मंत्रालय के मुताबिक इस समिति में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए), निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए), भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई), भारतीय लागत लेखाकार संस्थान (आईसीएमएआई), भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की), पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), और भारतीय रजिस्ट्रार संघ (आरएआईएन) के प्रतिनिधि शामिल थे। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट आईईपीएफए को सौंप दी थी।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
