इटानगर, 06 सितंबर (Udaipur Kiran) । अरुणाचल प्रदेश श्रमिक कल्याण सोसाइटी ने शनिवार को दावा किया कि राजधानी क्षेत्र और राज्य के कई महत्वपूर्ण स्थानों में अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिकों और ठेका मजदूरों की अवैध आपूर्ति और नियुक्ति बड़े पैमाने पर हो रही है।
यह देखा जा रहा है कि कुछ व्यक्ति, ठेकेदार और एजेंसियां राज्य द्वारा श्रम लाइसेंस या पंजीकरण जारी करने संबंधी अधिनियम और नियम प्राप्त किए बिना सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में श्रमिकों की आपूर्ति कर रही हैं, एपीडब्ल्यूडब्ल्यूएस के उपाध्यक्ष करबिया सोनम ने आज यहां अरुणाचल प्रेस क्लब में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उपरोक्त दावा किया।
राज्य सरकार ने रोजगार विनियमन और सेवा शर्त अधिनियम, 1979 के तहत अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिकों को विनियमित करने के लिए राज्यभर में कई अधिकारियों की नियुक्ति की है, लेकिन अधिकारी अपना काम ईमानदारी से नहीं कर रहे हैं। अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिकों का पंजीकरण नहीं कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप अनाधिकृत गतिविधियां हो रही हैं जो सीधे तौर पर श्रम विनियमों का उल्लंघन और कानूनी संरक्षण और सुरक्षा की कमी के कारण श्रमिकों का शोषण है। खासकर असत्यापित अंतरराज्यीय श्रमिकों के मामले में, उनके पास केवल आईएलपी आदि के अलावा कोई वैध दस्तावेज नहीं हैं।
इन सब को देखते हुए, सोसाइटी ने पूरे राज्य में एक जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसकी शुरुआत राजधानी परिसर से लेकर पूरे राजधानी क्षेत्र में इस तरह की अवैध श्रम आपूर्ति में शामिल व्यक्तियों, ठेकेदारों, एजेंसियों, दुकानों और प्रतिष्ठानों, लघु उद्योगों और कारखानों, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, अन्य (सरकारी और निजी) की जांच और पहचान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम इस तरह की गैरकानूनी प्रथाओं का सत्यापन करके इन गैरकानूनी प्रथाओं को रोकने के लिए सुधारात्मक उपाय कर सकें और संबंधित प्रशासनिक और पुलिस विभाग को शिकायत भेज सकें।
उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन, हमारे राज्य में प्रवासी श्रमिकों की संख्या बढ़ रही है और यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें यहां कौन ला रहा है।
(Udaipur Kiran) / तागू निन्गी
