RAJASTHAN

नियमित अभ्यास से मानसिक शांति, एकाग्रता और ध्यान से आत्मिक ऊर्जा में गहरा परिवर्तन संभव

नियमित अभ्यास से मानसिक शांति, एकाग्रता और ध्यान से आत्मिक ऊर्जा में गहरा परिवर्तन संभव

बीकानेर, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय योग विशेषज्ञ और माइंड फुलनेस कोच डॉ. शिवादित्य पुरोहित के मार्गदर्शन में ‘द पावर ऑफ ब्रेथ एंड माइंड फुलनेस’ विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन शनिवार को किया गया। कार्यशाला में लगभग 80 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और श्वास तथा सजगता (माइंड फुलनेस) के बारे में जाना।

डॉ. पुरोहित ने प्रतिभागियों को प्राचीन माइंडफुल ब्रीदिंग तकनीक सिखाते हुए बताया कि नियमित अभ्यास से मानसिक शांति, एकाग्रता और आत्मिक ऊर्जा में गहरा परिवर्तन संभव है। उन्होंने कहा कि वर्तमान क्षण में पूर्णतः उपस्थित रहना, बिना किसी पूर्वाग्रह अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को सहज स्वीकार करना ही जीवन जीने की कला है।

कार्यशाला की विशिष्ट अतिथि गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. विमला डुकवाल ने कहा कि सजग श्वास अभ्यास और एक्यूप्रेशर से व्यक्ति भावनात्मक नियंत्रण पा सकता है, जिससे चिंता और घबराहट जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।

डूंगर महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. राजेंद्र पुरोहित ने योग की प्राचीन परंपरा तथा जीवन में ध्यान की शक्ति पर प्रकाश डाला। व्योम समन्वयक डॉ. दिव्या जोशी ने अतिथियों का स्वागत किया।

व्योम केन्द्र योग प्रमुख तथा संयोजक डॉ सुखराम ने कहा कि श्वास ही जीवन का आधार है। यदि हम इसे सजग होकर साध लें, तो जीवन की अधिकांश जटिलताओं पर सहजता से विजय पा सकते हैं।

कार्यशाला आयोजन सचिव डॉ सुनीता मंडा तथा अर्चना पुरोहित थे। सह संयोजक डॉ निर्मल रांकावत ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यशाला में वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ.अनिला पुरोहित, डॉ .श्यामा अग्रवाल, डॉ.ललिता यादव, डॉ.बिंदु भसीन, डॉ.सुनीता गोयल, डॉ. आनंद कुमार, डॉ. राजकुमार ठठेरा, डॉ.ललित कुमार वर्मा, डॉ.केसरमल, डॉ विश्वप्रभा, डॉ. सुषमा सोनी शर्मा, डॉ. मैना निर्वाण और डॉ.सरिता स्वामी आदि उपस्थित थे।

—————

(Udaipur Kiran) / राजीव

Most Popular

To Top