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हेरिटेज होटल्स सिर्फ व्यवसाय नहीं, बल्कि अतीत और वर्तमान के बीच सेतु :  शेखावत

हेरिटेज होटल्स सिर्फ व्यवसाय नहीं, बल्कि अतीत और वर्तमान के बीच सेतु :  शेखावत
हेरिटेज होटल्स सिर्फ व्यवसाय नहीं, बल्कि अतीत और वर्तमान के बीच सेतु :  शेखावत

जयपुर, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि हेरिटेज होटल्स सिर्फ व्यवसाय नहीं हैं, बल्कि अतीत और वर्तमान के बीच सेतु हैं। ये हमारे कारीगरों को सम्मान और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार देते हैं।

शनिवार को कैसल कनोटा में इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए) के 12वें वार्षिक सम्मेलन और 24वीं वार्षिक आम बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि भारत आए लोग यहां प्यार करें, विवाह करें और अपने जीवन के सबसे खास पलों को यादगार बनाएं।

शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इसको लेकर प्रतिबद्ध है कि न केवल हेरिटेज होटलों को टूरिज्म योजनाओं का अभिन्न हिस्सा बनाया जाएगा, बल्कि कंजर्वेशन के लिए इंसेंटिव्स और सर्टिफिकेशन को भी मजबूत किया जाएगा। आईएचएचए के साथ एक्टिव पार्टनरशिप की दिशा में सक्रियता के साथ काम किया जाएगा।

राजस्थान में अच्छी संभावनाएं

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों के अलावा राजस्थान को वैश्विक रोमांटिक हेरिटेज डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने का समय आ गया है। उन्होंने कुछ सुझाव देते हुए कहा कि सबसे पहले राजस्थान में रोमांटिक हेरिटेज सर्किट बनाया जा सकता है, जिसमें जयपुर, शेखावाटी, उदयपुर, जोधपुर और आईएचएचए की चुनिंदा 12 प्रॉपर्टीज शामिल की जा सकती है, जिन्हें वेडिंग्स, फिल्म शूट्स, माइस् और एक्सपीरिएंशल टूरिज्म के लिए खासतौर पर आकर्षक बनाया जा सकता है। बकायदा इसके लिए स्वदेश दर्शन 2.0 और प्रसाद योजना से फंडिंग ली जा सकती है।

उन्होंने सुझाव दिया कि एक हेरिटेज होटल मॉडर्नाइजेशन फंड (एचएचएमएफ) बने, जिससे कंजर्वेशन, फायर सेफ्टी और एनर्जी अपग्रेड जैसी जरूरतें पूरी हों। इसके अलावा, मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म के सहयोग से रोमांटिक हेरिटेज सर्टिफिकेशन शुरू किया जा सकता है, जो होटल की ऑथेन्टिसिटी और रोमांस-रेडी सुविधाओं को दर्शाने वाला हो।

वेडिंग टूरिज्म के लिए तैयार की जाए टूलकिट

शेखावत ने आगे कहा कि हेरिटेज होटलों को स्थानीय युवाओं और कारीगरों के लिए स्किल एंड क्राफ्ट हब्स बनाया जा सकता है, ताकि रोजगार और सांस्कृतिक पहचान दोनों को बढ़ावा मिल सके। साथ ही, वेडिंग टूरिज्म के लिए टूलकिट तैयार की जा सकती है, जिसके लिए आईएचएचए को फिल्म बोर्ड्स से जोड़कर डिजिटल स्टोरीज़ और डॉक्युमेंट्रीज को प्रोत्साहन मिल सकता है। उन्होंने आईएचएचए के सदस्यों से अपील की कि वे सभी होटल्स की ऑफिशियल मंजूरी और रिन्युअल्स समय पर करवाएं, ताकि उन्हें इंटरनेशनल स्तर पर बेहतर विजिबिलिटी मिल सके।

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(Udaipur Kiran)

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