
बीकानेर, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । वर्ष 1999 में स्थापित इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर (ईसीबी) प्रदेश का एक प्रमुख तकनीकी शिक्षण संस्थान है। यहाँ प्रबंधन शिक्षा को सशक्त आधार प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 2003 में डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट के तहत एमबीए कोर्स की शुरुआत की गई थी। अब तक इस कोर्स में पारंपरिक प्रवेश प्रणाली से ही विद्यार्थी दाखिला लेते रहे हैं, किन्तु इस बार पहली बार ऐसा अवसर प्रदान किया जा रहा है जब बी.टेक उत्तीर्ण छात्रों को लैटरल एंट्री एडमिशन प्रणाली के माध्यम से सीधे एमबीए तृतीय सेमेस्टर में प्रवेश मिलेगा।
इस नई व्यवस्था के अंतर्गत बी.टेक विद्यार्थी केवल एक वर्ष की अवधि में ही एमबीए की डिग्री पूरी कर सकेंगे, जो उनके लिए समय और संसाधनों दोनों की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।
ईसीबी एमबीए विभागाध्यक्ष डॉ. अवधेश व्यास ने बताया कि यह पहल तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ प्रबंधन कौशल में भी विद्यार्थियों को सशक्त बनाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी। उनके अनुसार, उद्योग जगत को ऐसे प्रोफेशनल्स की आवश्यकता है, जिनमें तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ प्रबंधकीय दक्षता भी हो। इस पहल से इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों को प्रबंधन क्षेत्र में अपने कैरियर को नई दिशा देने का अवसर प्राप्त होगा।
प्रवेश के लिए अभ्यर्थी के पास बी.ई./बी.टेक अथवा चार वर्षीय बीबीए/बीएमएस कोर्स के साथ 6 स्तर (लेवल–6) राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) कोर्स उत्तीर्ण होना आवश्यक है। सामान्य श्रेणी के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक तथा आरक्षित श्रेणी के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य होंगे।
इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर में एमबीए लैटरल एंट्री में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों के आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 13 सितंबर निर्धारित की गई है। वहीं 14 सितंबर को मेरिट सूची जारी की जाएगी तथा इसी दिन शुल्क जमा कराने की अंतिम तिथि और प्रवेश संबंधी सूचना भी प्रदान की जाएगी।
डॉ. ओमप्रकाश जाखड़, प्राचार्य, इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर का कहना है कि यह पहल महाविद्यालय के लिए गौरव का विषय है। तकनीकी और प्रबंधन शिक्षा का यह संयोजन विद्यार्थियों को बहुआयामी दक्षता प्रदान करेगा और उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा। इस अवसर से छात्रों में न केवल अकादमिक विकास होगा बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमता, नवाचार दृष्टिकोण और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना भी सुदृढ़ होगी।
डॉ. नवीन शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रबंधन विभाग, इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर का कहना है कि शैक्षणिक दृष्टिकोण से यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज उद्योग जगत को ऐसे प्रोफेशनल्स की आवश्यकता है जो तकनीकी दक्षता और प्रबंधन कौशल, दोनों से संपन्न हों। बी.टेक स्नातक छात्रों को सीधे तृतीय सेमेस्टर में प्रवेश दिलाने की यह योजना शिक्षा प्रणाली में लचीलापन लाने के साथ-साथ विद्यार्थियों को समय की बचत भी कराएगी। एक वर्ष में एमबीए की डिग्री पूरी करने का अवसर उन्हें जल्दी करियर शुरू करने का लाभ देगा। यह व्यवस्था न केवल छात्रों को आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020 की भावना के अनुरूप भी है। इससे स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे युवाओं की पीढ़ी तैयार होगी जो नवाचार, उद्यमिता और प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभा सकें।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
