शिमला, 06 सितंबर (Udaipur Kiran) । चंबा जिले के भरमौर में आपदा के बीच लगातार आठ दिन तक डटे रहने के बाद प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी शनिवार को शिमला लौट आए। उन्होंने पत्रकारों से अनुपचारिक बातचीत में कहा कि अब भरमौर की स्थिति सामान्य हो रही है और वहां फंसे सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल लिया गया है। आपदा के दौरान मृत पाए गए 17 श्रद्धालुओं के शव भी सेना और एनडीआरएफ की मदद से चंबा लाकर परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
नेगी ने कहा कि सड़क बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और तीन दिन के भीतर सभी मार्ग बहाल कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आपदा के दौरान कुछ चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर हजारों श्रद्धालुओं की मौत की भ्रामक खबरें चलाई गईं, जबकि वास्तविकता यह है कि इस बार मणिमहेश यात्रा के दौरान केवल 17 श्रद्धालुओं की मौत हुई। यह मौतें आपदा से नहीं बल्कि ऑक्सीजन की कमी और ठंड की वजह से हुईं।
उन्होंने कहा कि शवों को निकालना सबसे कठिन कार्य था, जिसके लिए 60 सदस्यीय टीम तैनात की गई। इस टीम ने दिन-रात मेहनत कर सभी शवों को निकाल कर परिजनों तक पहुंचाया। मंत्री ने सख्त चेतावनी दी कि बिना तथ्यों की पुष्टि के अफवाहें फैलाना गंभीर अपराध है और सरकार इस पर कड़ी कार्रवाई करेगी।
मणिमहेश यात्रा के दौरान टैक्सी चालकों द्वारा श्रद्धालुओं से मनमाना किराया वसूलने के आरोपों पर नेगी ने कहा कि सड़क अवरुद्ध होने की स्थिति का कुछ लोगों ने गलत फायदा उठाया। लेकिन सरकार ने तत्काल निशुल्क टैक्सी सेवा शुरू कर श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाई।
भरमौर में नेटवर्क समस्या पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने स्पष्ट किया कि नेटवर्क बंद करने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है। यह केवल केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय की अनुमति से संभव है। उन्होंने कहा कि भरमौर में नेटवर्क की दिक्कत प्राकृतिक आपदा के कारण हुई थी, लेकिन कुछ लोग इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।
राजस्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हर परिस्थिति में संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है और आपदा प्रबंधन में ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
