
अमेठी, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिलाधिकारी संजय चौहान लगातार प्रयासरत हैं। इसी
क्रम में उन्होंने जिले के मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र अंतर्गत कादूनाला स्थित वन विभाग की वेटलैंड काे पर्यटन डेस्टिनेशन हब के रूप में विकसित किए जाने का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव पर शासन की ओर से भेजी गई टीम ने प्राथमिक रूप से निरीक्षण भी कर लिया है। अब जल्द ही
मुसाफिरखाना में एक विश्व स्तरीय इको टूरिज्म सुविधाओं से युक्त टूरिज्म डेस्टिनेशन जिले वासियाें काे मिलने की उम्मीद है।
इस संबंध में जिलाधिकारी संजय चौहान ने शनिवार को बताया कि जनपद के मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र के अंतर्गत एक बड़े भू-भाग पर वन विभाग की जमीन है। जहां पर अभी तक पर्यटन की संभावनाओं को तलाश नहीं किया जा सका है। यह जमीन प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पर स्थित है। यदि हम देखें तो लखनऊ से वाराणसी और अयोध्या जाने वाले पर्यटक के लिए लगभग बीचो-बीच एक ऐसा स्थान उपलब्ध है जहां पर विशेष रूप से इको टूरिज्म के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। निश्चित रूप से यह पर्यटन की दृष्टि से एक अच्छा प्रयास होगा। जनपद के लिए राजस्व बढ़ाने और पर्यटन की संभावनाएं बढ़ाने के लिए हमें उल्लेखनीय सफलता मिलेगी। इसी को दृष्टिगत रखते हुए हम लोगों ने शासन को प्रस्ताव भेज कर विशेषज्ञाें की टीम बुलवाई थी। उस टीम की ओर से प्राथमिक सर्वे कर लिया गया है। मुझे विश्वास है कि जल्दी ही मुसाफिरखाना में हम लोग एक अच्छी विश्व स्तरीय इको टूरिज्म सुविधाओं से युक्त टूरिज्म डेस्टिनेशन सृजित कर पाएंगे।
जिलाधिकारी ने आगे बताया कि यह अमेठी के लिए केवल एक प्राकृतिक धरोहर ही नहीं है, बल्कि पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। जिले में वेटलैंड के विकसित होने से जहां एक ओर ईको-टूरिज्म को नई दिशा मिलेगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। साथ ही, जैव-विविधता का संरक्षण और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना भी संभव होगा।
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(Udaipur Kiran) / लोकेश त्रिपाठी
