
झज्जर, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले में बारिश के पानी से बचाव करना मुश्किल होता जा रहा है। इलाके में होने वाली बारिश से जल भराव तो होता ही है, दूसरे जिलों से आने वाली ड्रेन भी ओवरफ्लो चल रही हैं, जो कई बार टूट जाती हैं। प्रशासन एक जगह स्थिति को काबू करता है, तो दूसरी जगह हालत बिगड़ जाती है बहादुरगढ़ में सेना के जवान मुंगेशपुर ड्रेन के कमजोर तटबंधों को सुधारने में लगे हुए हैं। यह ट्रेन बहादुरगढ़ में चार दिन के भीतर दो अलग-अलग स्थानों पर तीन बार टूट चुकी है। जिससे दिल्ली के गांव झाड़ौदा के निकट खेती के बड़े रकबे और कई कॉलोनियों में पानी भर गया। उधर छारा गांव के निकट शनिवार को छारा माइनर टूट गई। जिससे गांव की 100 एकड़ से अधिक जमीन में पानी भर गया।
बहादुरगढ़ में दिल्ली बॉर्डर की तरफ टूटी मुंगेशपुर ड्रेन को ठीक करने में सेना के जवान शनिवार सुबह से ही लगे रहे। सेना के 80 जवान और बहादुरगढ़ के विभिन्न विभागों के 100 से ज्यादा कामगार मौके पर ड्रेन के किनारों को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। लोहे व लकड़ियों के जाल लगाकर उनके साथ मिट्टी के कट्टे लगाए जा रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने शनिवार शाम तक ड्रेन के किनारे दुरुस्त होने की उम्मीद व्यक्त की है। सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता ईशान सिवाच का कहना है कि सेना और कर्मचारियों की सहायता से शनिवार शाम तक ड्रेन के किनारों को दुरुस्त कर लिया जाएगा।
शनिवार को गांव छारा के पास छारा माइनर टूटी तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। कस्सी फावड़े आदि लेकर वे मौके पर भागे और बचाव कार्य शुरू किया। लेकिन तब तक 100 एकड़ से अधिक जमीन में एक से तीन फीट तक पानी बढ़ गया। माइनर टूटने की सूचना मिलते ही बहादुरगढ़ के एसडीएम नसीब कुमार भी बचाव कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। माइनर के टूटे तटबंध की मरम्मत की गई और जहां से तटबंध कमजोर मिला, वहां मजबूत करने का कार्य शुरू किया गया। गांव की महिलाएं भी बचाव कार्य में पीछे नहीं रहीं।
यह माइनर बहुत लंबी नहीं है। गांव लकड़िया से शुरू हुई यह माइनर झज्जर के छारा गांव होकर भदानी गांव तक जाती है। गर्मी और सर्दी के सीजन में इसका पानी फसलों की सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन इस बार माइनर टूटी तो छारा गांव के खेत भी माइनर के पानी को स्वीकार नहीं कर पाए और पहले से ही भरे जल में अधिक जल बढ़ गया।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
