
नई दिल्ली, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार के सहकारिता क्षेत्र में सहकारी संस्थाओं, किसानों और ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के फैसले से 10 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को सीधा फायदा होगा। सरकार के डेयरी क्षेत्र में दी गई रियायतों से दुग्ध उत्पादन, ट्रैक्टरों और उनके पुर्जों, थर्ड-पार्टी बीमा और लॉजिस्टिक्स जैसी तमाम चीजों की लागत घटेगी, जिससे ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और आम लोगों को महंगी कीमतों से राहत मिलेगी।
केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, दूध और पनीर पर जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। जबकि मक्खन, घी और दूध के कनस्तरों पर जीएसटी 12 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी किया गया है। खाद्य पदार्थों जैसे चीज़, नमकीन, पास्ता, जैम, जेली और जूस पर भी जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा, ट्रैक्टर, उर्वरक, बायो-पेस्टीसाइड और मालवाहक वाहनों पर भी जीएसटी कम किया गया है, जिससे खेती, दुग्ध उत्पादन और लॉजिस्टिक्स लागत घटेगी। ये कदम सहकारी क्षेत्र को मजबूत करेंगे, ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देंगे और आम लोगों के लिए जरूरी वस्तुएं सस्ती करेंगे।
दूध और पनीर को जीएसटी से मुक्त करने से दुग्ध सहकारिताओं को बड़ा फायदा होगा। मक्खन और घी पर 5 फीसदी जीएसटी से दुग्ध उत्पाद सस्ते होंगे, जिससे उपभोक्ताओं को पोषण सुरक्षा मिलेगी और दुग्ध किसानों की आय बढ़ेगी। खासकर महिला-नेतृत्व वाली ग्रामीण उद्यमशीलता और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को इससे बल मिलेगा। खाद्य प्रसंस्करण में भी राहत दी गई है। चॉकलेट, कॉर्न फ्लेक्स, आइसक्रीम, बिस्किट और कॉफी जैसे उत्पादों पर जीएसटी 18 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी किया गया है। इससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी और खाद्य प्रसंस्करण सहकारिताएं मजबूत होंगी। पैकिंग पेपर और डिब्बों पर भी जीएसटी 5 फीसदी कर दिया गया है, जिससे पैकेजिंग लागत कम होगी।
कृषि क्षेत्र में 1800 सीसी से कम क्षमता वाले ट्रैक्टरों और उनके पुर्जों पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया है। इससे ट्रैक्टर सस्ते होंगे, जिसका फायदा फसल उत्पादन, पशुपालन और चारे की ढुलाई में लगे किसानों को मिलेगा। उर्वरक उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले अमोनिया, सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल पर भी जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया है, जिससे उर्वरक सस्ते होंगे और किसानों को राहत मिलेगी। बायो-पेस्टीसाइड और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, मिट्टी की सेहत सुधरेगी और छोटे किसानों व एफपीओ को फायदा होगा।
वाणिज्यिक वाहनों में ट्रक और डिलीवरी वैन पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया गया है। मालवाहक वाहनों के थर्ड-पार्टी बीमा पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा भी दी गई है। इससे ढुलाई लागत कम होगी, कृषि उत्पादों का परिवहन सस्ता होगा और निर्यात में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। अमूल जैसे बड़े सहकारी ब्रांडों ने इन सुधारों का स्वागत किया है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का हिस्सा है।
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(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर
