
गोलाघाट (असम), 06 सितंबर (Udaipur Kiran) । असम आंदोलन के फलस्वरूप स्थापित नुमलीगढ़ रिफाइनरी में नए सिरे से एक नया किर्तिमान स्थापित होने जा रहा है। रिफाइनरी में विश्व का पहला बांस आधारित 2जी जैव इथेनॉल परियोजना का शुभारंभ होने जा रहा है। रिफाइनरी में नये प्रकल्प का निर्माण कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है और उद्घाटन के लिए पूरी तरह से तैयार है। आगामी 14 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी असम दौरे के दौरान इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे और देश के नाम समर्पित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि, सामान्य बांस और भलूका (मोटा) बांस को कच्चे माल के रूप में व्यवहार करते हुए प्रति वर्ष 50 हजार मीट्रिक टन एथेनॉल, 19 हजार मीट्रिक टन फर्फ्यूरल, 11 हजार मीट्रिक टन एसीटिक एसिड और 31 हजार मीट्रिक टन तरल कार्बन-डाइ-ऑक्साइड का उत्पादन करेगा। इसके अलावा, बांस के अवशेषों को जलाकर इससे 25 मेगावाट बिजली उत्पादित की जाएगी।
इस परियोजना के साथ असम और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लगभग 30 हजार किसान सीधे लाभान्वित होंगे। नुमलीगढ़ रिफाइनरी ने भी बांस के किसानों के बीच 60 लाख बांस के पौधे निःशुल्क वितरित करने का कदम उठाया है। —————–
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
