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सिरसा: सीडीयलयू और शोभा देवी रामानंद बंसल फाउंडेशन के बीच हुआ एमओयू

सीडीएलयू और शोभा देवी रामानंद बंसल फाउंडेशन के बीच हुआ एमओयू दिखाते हुए।

सिरसा, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय (सीडीयलयू) सिरसा और शोभा देवी रामानंद बंसल फाउंडेशन सिरसा के बीच हुए एक ऐतिहासिक सांझा करार पत्र (एमओयू ) के तहत विश्वविद्यालय में शोभा देवी रामानंद बंसल भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र की स्थापना की जाएगी। शुक्रवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित इस विशेष समारोह ने शिक्षा जगत में नई संभावनाओं के द्वार खोले और भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक शिक्षा के साथ जोडऩे की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की।इस एमओयू पर विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव प्रो. अशोक शर्मा ने हस्ताक्षर किए, जबकि फाउंडेशन की ओर से जानी-मानी शिक्षाविद एवं फाउंडेशन अध्यक्ष कुमुद बंसल ने दस्तखत किए।

सीडीएलयू के कुलपति प्रो. विजय कुमार ने कहा कि यह एमओयू भारत की समृद्ध ज्ञान परंपराओं को पुनर्जीवित करने और उन्हें उच्च शिक्षा की मुख्यधारा में एकीकृत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि इस केंद्र से विद्यार्थियों को परंपरागत भारतीय मूल्यों से परिचित कराने के साथ-साथ वैज्ञानिक और विश्लेषणात्मक सोच का भी विकास होगा, जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में और सक्षम बनेंगे।

फाउंडेशन की अध्यक्ष कुमुद बंसल ने कहा कि यह केंद्र शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण दोनों क्षेत्रों में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने इसे स्वर्गीय श्री रामानंद जी बंसल की स्मृति को समर्पित करते हुए कहा कि फाउंडेशन का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और शिक्षा को एक साथ आगे बढ़ाना है। उनके अनुसार यह पहल विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में भी सहायक सिद्ध होगी, क्योंकि उन्हें परंपरागत जड़ों के साथ आधुनिक शिक्षा का अनुभव भी प्राप्त होगा। समझौते के तहत फाउंडेशन ने 21 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने की सहमति दी है, जिसमें से 11 लाख रुपये का चेक दिया गया।

केंद्र का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और प्राचीन ज्ञान को आधुनिक शोध और समकालीन शिक्षा प्रणाली के साथ जोडऩा है। यहाँ पर भारतीय दर्शन, साहित्य, कला, संस्कृति और वैज्ञानिक विरासत जैसे विषयों पर बहुविषयक अध्ययन और शोध को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ ही, छात्रों और शोधार्थियों के लिए डिजिटल पुस्तकालय और अध्ययन सामग्री तैयार की जाएगी। केंद्र के अंतर्गत आईकेएस आधारित नए पाठ्यक्रम विकसित किए जाएंगे, कार्यशालाएं, संगोष्ठियां और सेमिनार आयोजित होंगे तथा संस्कृत भारती के सहयोग से संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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