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लोक निर्माण विभाग ने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जारी किया वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर

शिमला, 05 सितंबर (Udaipur Kiran) । लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने शुक्रवार काे विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर जारी किया। प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें आधुनिक तकनीकों के अनुरूप कौशल उन्नयन, वित्तीय एवं तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर सचिव ने कहा कि अब तय कार्यक्रम के अंतर्गत हर वर्ष उपमंडल स्तर के अधिकारियों से लेकर ऊपरी स्तर तक के सभी अधिकारियों को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण कैलेंडर न केवल सेवा के दौरान कौशल संवर्धन पर केंद्रित है, बल्कि भविष्य के लिए क्षमता निर्माण पर भी बल देगा।

उन्होंने कहा कि अधोसंरचना के विकास में बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए अधिकारियों को आईआईटी, एनआईटी, भारतीय राजमार्ग अभियंता अकादमी नोयडा, केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान दिल्ली, हिपा और अन्य राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग व प्रबंधन संस्थानों के माध्यम से विशेष तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस पहल से अधिकारियों की दक्षता, सड़क सुरक्षा, सतत् आधारभूत ढांचा, ग्रीन बिल्डिंग तकनीक, ई-गवर्नेंस, परियोजना प्रबंधन और नई निर्माण सामग्रियों के उपयोग जैसे विषयों की जानकारी प्राप्त होगी।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के अनुमोदन के अनुरूप इस कैलेंडर में पदोन्नति के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इसमें कनिष्ठ अभियंता से उपमंडल अधिकारी और अधिशासी अभियंता तक की पदोन्नति के लिए प्रशिक्षण शामिल होगा। इसके अलावा, विभाग के सभी विद्युत, यांत्रिक और वास्तुशिल्प अधिकारियों के लिए जोनल स्तर पर भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

डॉ. जैन ने कहा कि तकनीकी प्रगति को देखते हुए सड़कों, सुरंगों, पुलों और भवनों के डिजाइन और निर्माण में आधुनिक इंजीनियरिंग इनपुट की आवश्यकता बढ़ रही है। प्रशिक्षण में भू-तकनीकी अध्ययन, पर्यावरण आकलन, डिजिटल उपकरणों जैसे बिल्डिंग इन्फॉर्मेशन मॉडलिंग (बीआईएम), जीआईएस आधारित योजना और ड्रोन से सर्वेक्षण जैसी नई तकनीकों पर भी ध्यान दिया जाएगा।

बाह्य सहयोग के साथ-साथ विभाग द्वारा प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों की भागीदारी से इन-हाउस प्रशिक्षण मॉड्यूल भी शुरू किए जाएंगे। प्रथम चरण में लगभग 400 वरिष्ठ अधिकारियों को इसके अंतर्गत लाने का लक्ष्य है, ताकि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को आधुनिक तकनीकी और वित्तीय व्यवस्थाओं से निरंतर अपडेट किया जा सके।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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