जम्मू, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । 7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगेगा। शास्त्रों में ग्रहण काल को अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक साधना एवं ईश्वर स्मरण का अवसर माना गया है। इस अवसर पर भक्त अपने जीवन को पवित्र बनाने के लिए जप, ध्यान, दान और ईश्वर के नाम स्मरण में लीन हो जाते हैं।
स्वामी अमित शुक्ल जी ने बताया कि ग्रहण के दौरान सांसारिक कार्यों से दूर रहकर आत्म-शुद्धि के अभ्यास करने चाहिए। विशेष रूप से अपने इष्ट देवता के पवित्र नामों का जप, विष्णु सहस्रनाम का पाठ, मंत्र जप, दान और गंगा जल से स्नान का विशेष महत्व है।
ग्रहण के दौरान किए गए जप, दान और ईश्वरीय नाम के कीर्तन से हज़ार गुना आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है। इसलिए सभी भक्तों से अनुरोध है कि वे इस दिन एक पवित्र व्रत लें और विपत्तियों के बीच राष्ट्र में शांति, समाज की समृद्धि और सभी जीवों के कल्याण के लिए प्रार्थना करें।
चंद्र ग्रहण का सूतक (अशुभ काल) 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। यह दोपहर 12:57 बजे शुरू होगा।
(Udaipur Kiran) / SONIA LALOTRA
