
हरिद्वार, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । देवसंस्कृति विश्वविद्यालय एवं गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज में भारतरत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस के रूप में श्रद्धा व उत्साह से मनाई गई। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक व शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
देसंविवि के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में अपने संदेश में प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि सच्चा शिक्षक वह है जो स्वयं निरंतर सीखता रहे और अपने ज्ञान से विद्यार्थियों को प्रेरित करता रहे। शिक्षक समाज को दिशा देने वाला दीपस्तंभ होता है। वहीं अतिथियों ने डॉ राधाकृष्णन के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व पर प्रकाश डालते हुए नियमित रूप से सीखते रहने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान अपने संदेश में कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन ने शिक्षा को केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि समाज निर्माण का आधार बताया। हमें शिक्षा को मूल्यों के साथ जोडकर एक समृद्ध राष्ट्र का निर्माण करना है।
वहीं गायत्री विद्यापीठ में छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से डॉ. राधाकृष्णन को भावांजलि अर्पित की। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों ने शिक्षा और गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान व्यवस्था मंडल प्रमुख श्रीमती शैफाली पण्ड्या ने कहा कि पाठ्यक्रम के साथ-साथ उत्तम साहित्य का अध्ययन विद्यार्थियों को आत्मिक रूप से समृद्ध करता है। शिक्षा का उद्देश्य परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के साथ-साथ संस्कार और विवेक का निर्माण है।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
