
उत्तरकाशी, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । शनिवार से बारिश का दौर थमा तो आपदा कार्यों में लगी मशीनरी ने भी राहत की सांस ली है। यमुनोत्री धाम के मुख्य पड़ाव स्याना चट्टी में बनी झील से गाद निकलने की सिंचाई विभाग के लिए चुनौती बनी हुई थी। दो दिनों से बारिश का सिलसिला थमने से झील का जलस्तर कम पड़ने लगा। जिससे पोकलेन मशीन झील में उतर कर गाद निकलने में जुट गई है।
बतस्या है कि नाचट्टी में गडगाड गदेरे में मलबा आने से यमुना नदी का मार्ग आंशिक रूप से अवरुद्ध हो गया था। जिसके कारण यहां बनी अस्थाई झील से आसपास के क्षेत्र में जल भराव की स्थिति उत्पन्न हुई थी।
प्रशासन की विभिन्न एजेंसियों द्वारा झील के मुहाने को चौड़ा करके जल निकासी बढ़ाने और नदी द्वारा साथ लाए गए डिपोजेशन को निकालकर नदी मार्ग को गहरा करने के प्रयास निरंतर किए जा रहे हैं। नदी के चैनलाइज के लिए जेसीबी , पोकलेन और जरूरी मशीन मौके पर कार्यरत हैं।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने सम्बंधित एजेंसी को झील में जमा गाद को जल्द से जल्द निकलकर नदी प्रवाह व्यवस्थित करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम सुनिश्चित करने और मशीनों के माध्यम से यथा संभव अधिक डिपोजेशन वाले हिस्से से जमा मलबा बाहर निकलकर नदी का प्रवाह सुचारू करने के निर्देश दिये। वर्तमान में नदी का जलस्तर स्यानाचट्टी पुल से नीचे है।
(Udaipur Kiran) / चिरंजीव सेमवाल
