श्रीनगर, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । झेलम नदी में शुक्रवार को आखिरकार स्थिरता के संकेत दिखाई दिए। संगम और राम मुंशी बाग में जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया, हालाँकि पंपोर में जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है।
एक अधिकारी ने कहा कि घाटी में जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहने के कारण लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रात भर झेलम के किसी भी हिस्से में कोई दरार नहीं आई और राम मुंशी बाग में दो फीट से ज़्यादा पानी कम हो गया।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार सुबह 8ः00 बजे नवीनतम गेज रीडिंग के अनुसार संगम 20.18 फीट (खतरे का स्तर 25 फीट) – खतरे के निशान से नीचे, पंपोर 5.74 मीटर (खतरे का स्तर 5.0 मीटर) – बाढ़ के निशान से ऊपर और आर.एम. बाग 20.49 फीट (खतरे का स्तर 21 फीट) – खतरे के निशान से नीचे थी
अन्य प्रमुख रीडिंग में अशाम 13.99 फीट (खतरे का स्तर 16.5 फीट) और वुलर 1577.00 मीटर (खतरे का स्तर 1578.00 मीटर) शामिल थे।
सहायक नदियों के संबंध में सभी सूचित स्तर खतरे के निशान से नीचे थे। खुदवानी में वैशो नाला 6.04 मीटर (खतरा 8.50 मीटर), वाची में रामबियारा नाला 2.32 मीटर (खतरा 5.7 मीटर) बटकूट में लिद्दर नाला 0.51 मीटर (खतरा 1.65 मीटर) और डोडरहामा में सिंध नाला 2.00 मीटर (खतरा 3.9 मीटर)।
आई एंड एफसी कश्मीर के मुख्य अभियंता शौकत हुसैन ने बताया कि राम मुंशी बाग और संगम में झेलम खतरे के निशान से नीचे बह रही है, हालाँकि पंपोर पर अभी भी कड़ी निगरानी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राम मुंशी बाग में दो फीट से अधिक पानी कम हो गया है और रात भर झेलम में कोई दरार नहीं आई है।
अधिकारी ने कहा कि निवासियों को नदी के किनारों से दूर रहने और सभी सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है। नदी के जलस्तर में अचानक बदलाव की स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में त्वरित प्रतिक्रिया दल तैनात किए गए हैं।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
