
– मध्याह्न भोजन योजना से हजारों छात्रों को लाभ: मुख्यमंत्री डॉ. सरमा
– चाय बागान क्षेत्र के स्कूलों में हर साल बढ़ रहा नामांकन
शोणितपुर, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को शोणितपुर जिले के रंगापारा स्थित सिंगरिजान के दुरुंग चाय बागान में एक केंद्रीकृत सामुदायिक रसोईघर का शिलान्यास एवं भूमिपूजन किया। 1,718 वर्ग मीटर में बनने वाले इस रसोईघर में कर्मचारियों के लिए आवास, एक प्रशिक्षण केंद्र, एक बहुउद्देशीय हॉल और उपयोगिता एवं सुरक्षा ब्लॉक शामिल होंगे।
एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना के कार्यान्वयन से गरीब परिवारों के छात्रों को बहुत लाभ हुआ है। मध्याह्न भोजन के साथ-साथ, राज्य सरकार ने निःशुल्क गणवेश और निःशुल्क प्रवेश योजनाएं भी शुरू की हैं, जिससे असम में एक स्वस्थ शैक्षिक वातावरण का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि चाय बागान क्षेत्रों में स्थापित आदर्श विद्यालय अभिभावकों और जनता का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। परिणामस्वरूप, चाय बागान क्षेत्रों में स्कूलों में नामांकन हर साल लगातार बढ़ रहा है।
डॉ. सरमा ने 2009 में बेंगलुरु स्थित इस्कॉन मंदिर की अपनी यात्रा को याद किया, जब वे शिक्षा मंत्री थे, जहां वे मंदिर की रसोई और भोजन आपूर्ति प्रणाली से बहुत प्रभावित हुए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी से प्रेरित होकर उन्होंने अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ मिलकर जालुकबाड़ी निर्वाचन क्षेत्र में पहली केंद्रीकृत रसोई की शुरुआत की। पिछले 10-12 वर्षों से, अमीनगांव स्थित यह रसोई 45,000 छात्रों को मध्याह्न भोजन और अस्पताल के परिचारकों और मरीजों को भी भोजन उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल के तहत, जोरहाट में 20,000 छात्रों के लिए एक केंद्रीकृत रसोई स्थापित की जा चुकी है। इस साल के अंत तक माजुली में एक और रसोई का निर्माण पूरा होने वाला है। हाल ही में नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर में भी ऐसी रसोई का निर्माण शुरू हुआ है। रंगापारा में नया रसोईघर तेजपुर, रंगापारा और बारसोला निर्वाचन क्षेत्रों के स्कूलों को कवर करेगा, जिससे लगभग 25,000 बच्चों को स्वच्छ, पौष्टिक भोजन का लाभ मिलेगा।
डॉ. सरमा ने कहा कि सरकार इस परियोजना पर 25 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जबकि हरे कृष्ण आंदोलन इस स्थल पर एक मंदिर का निर्माण करेगा। मध्याह्न भोजन का वित्तपोषण साझा किया जाएगा, जिसका 60% राज्य सरकार और 40% अक्षय पात्र फाउंडेशन वहन करेगा। उन्होंने बताया कि चाय बागान क्षेत्रों के छात्र सबसे बड़े लाभार्थियों में से होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चाय बागान क्षेत्रों में छात्रों के लिए नाश्ता उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है, क्योंकि कई माता-पिता सुबह जल्दी काम पर निकल जाते हैं। उन्होंने कहा कि उचित नाश्ता बच्चों को अधिक स्थिर वातावरण में पढ़ाई करने में मदद करेगा।
शिक्षा को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, मुख्यमंत्री ने चाय बागानों में मॉडल स्कूल, गुणोत्सव, कक्षा 9 के छात्रों को साइकिल वितरण, उच्चतर माध्यमिक, स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए निःशुल्क प्रवेश और छात्राओं के लिए निजुत मोइना योजना सहित कई पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत, राज्य सरकार ग्यारहवीं कक्षा की छात्राओं को ₹1,000 प्रति माह, स्नातक स्तर की छात्राओं को ₹1,250 प्रति माह और स्नातकोत्तर स्तर की छात्राओं को ₹2,500 प्रति माह प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि इन उपायों से यह सुनिश्चित हुआ है कि ग्यारहवीं कक्षा के बाद कोई भी छात्रा पढ़ाई नहीं छोड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नवंबर से, एक नई योजना शुरू की जाएगी जिसके तहत हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एचएसएलसी) परीक्षा में बैठने वाले प्रत्येक छात्र को उत्तीर्ण होने तक ₹300 प्रति माह प्रदान किया जाएगा। इससे पूरे असम में पांच लाख छात्रों को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने अन्य कल्याणकारी उपायों का भी उल्लेख किया, जैसे कि 17 सितंबर से ओरुनोदोई योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर की खरीद पर ₹250 की सब्सिडी और 1 नवंबर से राशन कार्ड धारकों को चावल के साथ-साथ रियायती दरों पर नमक, चीनी और दालों की आपूर्ति।
कार्यक्रम में सांसद रंजीत दत्ता, विधायक कृष्ण कमल तांती और गणेश लिम्बू, अक्षय पात्र फाउंडेशन (पूर्वोत्तर) और हरे कृष्ण मूवमेंट, गुवाहाटी के अध्यक्ष जनार्दन दास, एमट्रॉन के अध्यक्ष ऋतुबरन शर्मा, उपायुक्त आनंद कुमार दास, वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
