

धमतरी, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ का जिला धमतरी स्वास्थ्य मितानिन संघ के तत्वावधान में चार सितंबर को जिले की मितानिनें वाहनों में सवार होकर रायपुर के तूता धरना स्थल जा रही थी। इन वाहनों को पुलिस प्रशासन ने आगे बढ़ने से रोक दिया, जिससे आक्रोशित मितानिनें राष्ट्रीय राजमार्ग में बैठकर तीन घंटे तक जमकर विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था।
गुरुवार को जिले के नगरी, मगरलोड, कुरूद और धमतरी ब्लाक सहित पड़ोसी जिले कांकेर, बालोद, कोंडागांव से मितानिन रायपुर के तूता धरना स्थल में तीन सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाहनों से रायपुर जा रही थी। जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने इन वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सेहराडबरी बायपास के पास रोक दिया। जिससे आक्रोशित होकर मितानिनों ने वाहनों से उतर कर पैदल चलकर ग्राम संबलपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के दोनों ओर रोड जाम कर तीन घंटे तक जोरदार प्रदर्शन किया।
इन मितानिनों को समझाइश देने एसडीएम धमतरी पीयूष तिवारी, एएसपी मणिशंकर चंद्रा, नगर पुलिस अधीक्षक अभिषेक चतुर्वेदी सहित अन्य अधिकारी तीन घंटे तक जुटे रहे। इसके बाद महिला पुलिस की मदद से इन मितानिनों को रोड के बीच से हटाया गया। इसके बाद सिंगल-वे में गाड़ियों का आवागमन शुरू हुआ। अचानक रोड जाम होने से बसों में यात्रियों को पैदल चलकर जाना पड़ा। एंबुलेंस और स्कूल गाड़ियों को जाने की छूट दी गई। वहीं दुपहिया, चारपहिया और मालवाहक गाड़ियों को घंटों जाम में खड़ा रहना पड़ा।
नगरी ब्लाक मितानिन संघ की अध्यक्ष हेमलता साहू, उषा साहू, टिकेश्वरी साहू, धनेश्वरी साहू, नेमू चंद साहू ने बताया कि प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ एवं प्रशिक्षक कल्याण संघ के आह्वान पर चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने मितानिन कार्यक्रम के मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, हेल्प डेस्क फैसिलिटेटर एवं ब्लाक कार्डिनेटर सात अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। आज इस हड़ताल के 29 वें दिन रायपुर के तूता धरना स्थल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए जा रहे हैं। जिसे पुलिस प्रशासन ने रायपुर जाने से रोक दिया है। इससे आक्रोशित होकर मितानिन बहनें रोड जामकर बैठ गई है। चुनावी घोषणा पत्र में मोदी की गारंटी के रूप में मितानिन कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत संविलयन का वादा किया गया था। मितानिनों के मासिक मानदेय में 50 प्रतिशत वृद्धि करने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक इस पर कोई पहल नहीं की गई है। ठेका प्रथा को तत्काल बंद करने की मांग मितानिनों ने की है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
