Uttrakhand

आपदा प्रभावित गांवों तक पहुंचना बड़ी चुनौती, सड़क व पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त

-बसुकेदार व पूर्वी बांगर में दस से अधिक ग्राम पंचायतें आपदाग्रस्त

-प्रभावितों तक राहत और अन्य सामग्री नहीं पहुंच पा रही

-मीलों पैदल नापकर गांवों तक पहुंच रहे अधिकारी

रुद्रप्रयाग, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । बसुकेदार उप तहसील और जखोली ब्लॉक के पूर्वी बांगर के आपदाग्रस्त दस से अधिक से अधिक ग्राम पंचायतों तक पहुंचना प्रशासन और राहत दलों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।

सड़क और पैदल मार्गों के क्षतिग्रस्त होने से अधिकारी-कर्मचारी मीलों पैदल नापकर गांवों तक पहुंच रहे हैं। जगह-जगह बरसाती नालों के ऊफान से स्थिति नाजुक बनी है। इन परिस्थितियों में बीमार, गर्भवती को अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो रहा है। बीते 28 अगस्त की रात्रि और 29 अगस्त की तड़के मूलसाधार बारिश और अतिवृष्टि से बसुकेदार उप तहसील के डुंगर, बड़ेथ, जौला, तालजामण, किमाणा, दानकोट, पाटियूं, डांगी, कूड़ी-अदूली, भटवाड़ी, बकोला और जखोली ब्लॉक के उछोला, बक्सीर, मथ्यागांव, घंघासू, भुनलागांव, खोड़ स्यूंर गांव का ब्लॉक और जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है।

अतिवृष्टि से इन गांवों को जोडऩे वाले मोटर मार्ग और पैदल मार्ग कई जगहों पर पूरी तरह से वॉशआउट हो रखे हैं। ऐसे में राहत व बचाव दल में शामिल अधिकारी-कर्मचारियों को जान हथेली पर रखकर मीलों पैदल दूरी तय कर गांवों तक पहुंचना पड़ रहा है। इधर, दो दिन से मौसम में सुधार होने पर हेलिकॉप्टर से उछोला गांव में राहत सामग्री भेजी गई है। विधायक भरत सिंह चौधरी ने बताया कि प्रभावित गांवों में हालात सामान्य हो, इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। लोनिवि, पीएमजीएसवाई को प्रभावित सड़कों को जल्द दुरुस्त करने को कहा गया है।

प्रसव पीडि़ता को हेलिकॉप्टर से पहुंचाया अस्पताल

गुरुवार वार को आपदा प्रभावित जखोली ब्लॉक के पूर्वी बांगर के मथ्यागांव में गर्भवती महिला सुविका की तबियत बिगड़ गई। परिजनों की सूचना पर प्रशासन द्वारा हेलिकॉप्टर से प्रसव पीडि़ता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्तयमुनि में भर्ती कराया गया है। बीते एक सप्ताह में स्वास्थ्य विभाग की टीम बक्सीर, उछोला और खोड़ गांव पहुंचकर तीन सुरक्षित प्रसव करा चुकी है।

6 किमी पैदल दूरी चलकर मजदूरों ने तालजामण पहुंचाया राशन

रुद्रप्रयाग। आपदा प्रभावित तालजामण गांव का चौतरफा संपर्क कटा हुआ है। यहां तक पहुंचने के लिए न तो सड़क सुरक्षित है और न पैदल मार्ग। बावजूद मजदूरों कई किलो राशन और पानी के ड्रम लादकर छह किमी पैदल दूरी नापते हुए गांव तक पहुंचाई, जिसके बाद सामुदायिक रसोई में भोजन तैयार हो पाया। दूसरी तरफ उछोला गांव में हेलिकॉप्टर ने छह शटल में 225 भोजन के पैकेट और 250 रिफ्रेशमेंट पैकेट पहुंचाए। वहीं बक्सीर और भुनाल गांव में भी हेलिकॉप्टर से 300 किलो चावल और 150 किलो दाल पहंचाई गई। मौसम के हिसाब से अन्य गांवों में भी राशन पहुंचाई जा रही है।

लापता की खोजबीन जारी

अतिवृष्टि से तबाह हो चुके छेनागाड़ में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डीडीआरएफ के जवान मलबा में लापता की खोजबीन करते रहे, पर कोई सफलता नहीं मिल पाई। सात दिन बीत जाने के बाद भी यहां 20 से 25 फीट तक मलबा के बीच भारी बोल्डरों के अलावा कुछ नहीं है। प्रशासन द्वारा अन्य प्रभावित गांवों में भी नुकसान का आकलन कर रहा है।

(Udaipur Kiran) / दीप्ति

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