Jammu & Kashmir

जीएसटी सुधार गरीबों, मध्यम वर्ग, किसानों, एमएसएमई, महिलाओं और युवाओं को बड़ी राहत पहुँचाएँगे – पूर्व मंत्री प्रिया सेठी

जम्मू, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर भाजपा उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री प्रिया सेठी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने देश को अपनी शुरुआत से अब तक का सबसे जन-हितैषी जीएसटी सुधार की ओर अग्रसर किया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद द्वारा लिए गए फैसलों से परिवारों, उद्योगों और किसानों को समान रूप से बड़ी राहत मिलेगी।

सेठी ने जम्मू में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि ये सुधार प्रधानमंत्री के कराधान को सरल, निष्पक्ष और आम नागरिक के लिए वास्तव में लाभकारी बनाने के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। उन्होंने आगे कहा पनीर, चपाती, खाखरा, साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट और रसोई के बर्तनों जैसी रोज़मर्रा की ज़रूरतों पर जीएसटी कम करने से लेकर जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर छूट देने तक यह सुधार समाज के हर वर्ग को कवर करता है।

उन्होंने कहा कि 22 सितंबर नवरात्रि के पहले दिन से प्रभावी इन सुधारों का समय भी प्रतीकात्मक था। उन्होंने कहा कि सरकार ने भारत के लोगों को यह तोहफ़ा देने के लिए नवरात्रि की शुभ शुरुआत चुनी है। यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री मोदी परिवारों, किसानों और मध्यम वर्ग के बारे में सोचते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि भारत की विकास गति बनी रहे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व वाली जीएसटी परिषद की प्रशंसा करते हुए सेठी ने कहा कि 5% और 18% की नई दो-स्लैब संरचना भ्रम को समाप्त करेगी, मुकदमेबाजी को कम करेगी और व्यवसायों को बेहतर योजना बनाने में मदद करेगी।

उन्होंने ऑटोमोबाइल क्षेत्र को दी गई राहत पर भी प्रकाश डाला। छोटी कारों और मोटरसाइकिलों पर जीएसटी कम करके सरकार ने मध्यम वर्गीय परिवारों और युवाओं की सीधे तौर पर मदद की है। साथ ही, उद्योगों के पास अब विकास और रोजगार सृजन के लिए एक पूर्वानुमानित ढाँचा है।

इसे ऐतिहासिक मील का पत्थर बताते हुए सेठी ने कहा कि ये सुधार सबका साथ सबका विकास के दर्शन को मजबूत करते हैं। उन्होंने आगे

कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनकी सरकार जनता के साथ खड़ी है। ये जीएसटी सुधार परिवारों पर बोझ कम करने, व्यवसायों को विश्वास दिलाने और यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि भारत की आर्थिक यात्रा और अधिक समावेशी बने।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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