
विश्वविद्यालय ने देशभर में हासिल की 32वीं रैंक हासिल कीहिसार, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2025 में देश के राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में प्रभावशाली 32वीं रैंक हासिल करके एक बार फिर भारत के शीर्ष उच्च शिक्षा संस्थानों में अपना नाम दर्ज कराया है। गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हरियाणा में नंबर 1 राज्य विश्वविद्यालय के रूप में उभरा है, जो राज्य और उसके शैक्षणिक समुदाय के लिए बेहद गर्व की बात है। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि अपेक्षाकृत नया संस्थान होने के बावजूद, केवल तीन दशक पहले स्थापित, गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय ने भारत भर के कई पुराने और स्थापित विश्वविद्यालयों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जो इसके तीव्र विकास पथ, मजबूत शैक्षणिक संस्कृति और उत्कृष्टता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।गुजवि ने भारत के राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में 32वां स्थान प्राप्त किया, राज्य विश्वविद्यालयों में हरियाणा में प्रथम स्थान पाया, विभिन्न श्रेणियों में राष्ट्रीय मान्यता के साथ मजबूत बहु-विषयक स्थिति, फामेर्सी: भारत में 49वां स्थान, सडीजी (सतत विकास लक्ष्य) : 11-50 बैंड में स्थान, (एसडीजी केटेगरी संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास के 17 लक्ष्यों को रेखांकित करती है), इंजीनियरिंग: 201-300 बैंड में स्थान, प्रबंधन: 102-125 बैंड में स्थान, विश्वविद्यालय श्रेणी: 101-150 बैंड में स्थान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी-2020) के अनुरूप अनुसंधान उत्पादन, नवाचार, उद्योग सहयोग और स्थायी एवं समावेशी प्रथाओं को अपनाने में उत्कृष्टता।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय और समूचे हरियाणा के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने संकाय, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, पूर्व विद्यार्थियों और कर्मचारियों को उनके अथक प्रयासों के लिए बधाई दी और इस बात पर जोर दिया कि यह मान्यता केवल रैंकिंग तक ही सीमित नहीं है। यह नवाचार को बढ़ावा देने, उच्च-गुणवत्ता वाले शोध को आगे बढ़ाने और हमारे विद्यार्थियों को वैश्विक नागरिक और भविष्य के नेता के रूप में तैयार करने के लिए गुजविप्रौवि की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। केवल 30 वर्षों में, हमने एक ऐसा शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित किया है, जो राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित है। यह वैश्विक मान्यता की ओर हमारी यात्रा की शुरूआत मात्र है।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है, जो न केवल हरियाणा में, बल्कि पूरे भारत में उच्च शिक्षा के एक प्रमुख संस्थान के रूप में इसकी प्रतिष्ठा को प्रमाणित करती है। अपनी वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाने के स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ गुजविप्रौवि शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। इस अवसर पर कुलसचिव डा. विजय कुमार, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. योगेश चाबा, तकनीकी सलाहकार प्रशासनिक प्रो. विनोद छोकर, तकनीकी सलाहकार एचआरएम प्रो. संदीप राणा, प्रो. कर्मपाल नरवाल, प्रो. संदीप आर्य, प्रो. दलबीर सिंह, प्रो. विमल झा, प्रो. अरुणेश कुमार व डा. बिजेन्द्र दहिया उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
