
दिव्यांगजन की सुरक्षा एवं अधिकारों की रक्षा के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित
लखनऊ, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित निशातगंज विद्याभवन दृष्टिबाधित छात्रावास में गुरूवार को क्रूरता एवं अमानवीय व्यवहार से संरक्षण, दुर्व्यवहार, हिंसा एवं शोषण से सुरक्षा विषय पर संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग सुभाष चन्द्र शर्मा के साथ राज्य आयुक्त दिव्यांगजन प्रो. हिमांशु शेखर झा, उपायुक्त अमित सिंह, उपनिदेशक अमित राय और उपायुक्त शैलेन्द्र कुमार सोनकर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर पुलिस विभाग के लगभग 150 अधिकारियों एवं कार्मिकों की भागीदारी रही।
प्रमुख सचिव सुभाष चन्द्र शर्मा ने कहा कि दिव्यांगजन को अमानवीय व्यवहार, दुर्व्यवहार, हिंसा एवं शोषण से सुरक्षा देना न केवल प्रशासनिक उत्तरदायित्व है बल्कि समाज का नैतिक दायित्व भी है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों व कार्मिकों को निर्देशित किया कि प्रत्येक स्तर पर दिव्यांगजन की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाये।
राज्य आयुक्त दिव्यांगजन प्रो. हिमांशु शेखर झा ने अपने व्याख्यान में कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के अंतर्गत किसी भी प्रकार की क्रूरता, दुर्व्यवहार, हिंसा एवं शोषण दण्डनीय अपराध है। अधिनियम की धारा-92 के अनुसार दोषी को जेल और जुर्माना दोनों की सजा हो सकती है। उन्होंने बताया कि राज्य आयुक्त का कार्यालय न केवल शिकायत निवारण केन्द्र है बल्कि जागरूकता प्रशिक्षण और अधिकार संरक्षण का भी माध्यम है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से अपेक्षा की कि दिव्यांगजन सम्बन्धी मामलों में संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया जाये।
कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों की ओर से दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016, मानवाधिकार संरक्षण, दिव्यांगजन के लिए बाधारहित वातावरण, सांकेतिक भाषा, किशोर न्याय अधिनियम-2015 एवं पॉक्सो अधिनियम-2012 पर विस्तृत जानकारी दी गई। अंत में प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान कर प्रमाण पत्र वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा
