
जोधपुर, 04 सितम्बर (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान से धार्मिक प्रताडऩा सहकर भारत आए हिंदू विस्थापितों को अब एक बड़ी राहत मिली है। भारतीय नागरिकता के आवेदन के लिए उन्हें अब दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और न ही अपने अवधिपार पासपोर्ट का नवीनीकरण कराना होगा। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करके नियमों को शिथिल किया है। इसके तहत नागरिकता के आवेदन के लिए पाकिस्तान के अवधि पार पासपोर्ट को भी वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। इसके अलावा 31 दिसंबर 2024 तक भारत आ चुके पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक भी नागरिकता का आवेदन कर सकेंगे।
पहले की व्यवस्था के अनुसार पाकिस्तान से आए विस्थापितों को भारत में लॉन्ग टर्म वीजा (एलटीवी) प्राप्त करने और नागरिकता के आवेदन के लिए अपना पासपोर्ट नवीनीकृत करवाना अनिवार्य था। वर्ष 2015 से तो एलटीवी लेने के लिए भी नवीनीकृत पासपोर्ट की अनिवार्यता लागू की गई थी। इसके लिए उन्हें दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास के चक्कर काटने पड़ते थे। प्रत्येक पासपोर्ट के नवीनीकरण पर लगभग 4500 रुपए और इसे त्यागने के लिए 3000 रुपए तक का खर्च आता था, यदि पांच साल में नागरिकता नहीं मिली तो पासपोर्ट को फिर से रिन्यू करवाना पड़ता था। कुछ समय पहले एलटीवी के आवेदन में इसको लेकर शिथिलता दी गई थी, लेकिन नागरिकता के लिए यह बाध्यता जारी रखी गई थी। अब दोनों ही मामलों में राहत दे दी गई है।
केंद्र सरकार की इस अधिसूचना से पाक विस्थापितों में खुशी का माहौल है। इस नए फैसले से विस्थापितों को आर्थिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर बहुत राहत मिलेगी। अक्सर एक ही परिवार के 10-15 सदस्य अलग-अलग समय पर भारत आते हैं। वे दलालों के माध्यम से अपना काम करवाते थे। ऐसे में सभी के पासपोर्ट नवीनीकृत करवाने और फिर त्यागने पर एक परिवार का एक लाख रुपए तक का खर्च आ जाता था। इस वजह से कई लोग नागरिकता के लिए आवेदन ही नहीं कर पाते थे। इस आदेश से ऐसे सैकड़ों परिवारों को लाभ होगा। वर्तमान में भी कई ऐसे लोग हैं, जिनके पासपोर्ट एक्सपायर हो चुके हैं। उन लोगों को इस आदेश से राहत मिलेगी।
31 दिसंबर 2024 तक आए लोग कर सकेंगे आवेदन
सीएए कानून के तहत जारी नोटिफिकेशन में पड़ोसी देशों से आए ऐसे अल्पसंख्यकों को लाभ मिलेगा, जो 31 दिसंबर 2024 तक भारत में आ चुके हैं। वे यहां अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे, लेकिन उन्हें नागरिकता के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि तब तक वे भारत में आवश्यक दस्तावेज एलटीवी के आधार पर बनवाकर सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। वर्तमान में 2014 तक भारत आए लोगों को ही इस अधिनियम के तहत नागरिकता दी जा रही है।
(Udaipur Kiran) / सतीश
