
मंडी, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । मंडी जिले में बीते कई दिनों से जारी आसमानी आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब तक मंडी जिला में प्राकृतिक आपदा के इस कहर से जान व माल का नुक्सान हो रहा था, मगर अब देवस्थान भी सुरक्षित नहीं है। मंडी के देव इतिहास की एक अत्यंत दुखद घटना सामने आई है। वीरवार को भारी बारिश के दाैरान हुए भूस्खलन के कारण मंडी जिला के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के चैहटीगढ़ इलाका में देव काली नाग जी दारल का पवित्र मंदिर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।
स्थानीय लोक मान्यता के अनुसार यह माना जा रहा है कि देवता ने अपनी प्रजा और क्षेत्र की रक्षा के लिए इस आपदा का आघात स्वयं पर ले लिया। भक्तों का कहना है कि देवता ने अपनी असीम करुणा और त्याग से गांव को बड़ी हानि से बचा लिया, भले ही उनके स्वयं के निवास स्थान को क्षति पहुंची। इस आपदा को भक्तजन देवता की महान करुणा और बलिदान के रूप में देख रहे हैं। यह मंदिर इस क्षेत्र के लोगों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है और देवता काली नाग की पूजा सदियों से होती आ रही है। मंदिर को हुए नुक्सान से भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं, लेकिन साथ ही वे देवता के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा भी व्यक्त कर रहे हैं। इस कठिन समय में भक्तजन एकजुट होकर देवता के इस बलिदान को याद कर रहे हैं और जल्द ही मंदिर के पुनर्निर्माण की उम्मीद कर रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
