शिमला, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश के लोगों को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा है कि प्रदेश के 34 स्वास्थ्य संस्थानों में शीघ्र ही अत्याधुनिक सीटी स्कैन मशीनें स्थापित की जाएंगी। उन्होंने गुरूवार को उच्च स्तरीय क्रय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि इन मशीनों की खरीद की प्रक्रिया अगले तीन महीनों में पूरी कर ली जाएगी तथा दिसम्बर 2025 तक आम जनता को इन सेवाओं का लाभ मिलना आरंभ हो जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सीटी स्कैन मशीनों के लगने से प्रदेशवासियों को दूर-दराज अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और निकटवर्ती स्थानों पर ही आधुनिक तथा विश्वसनीय सेवाएं मिल सकेंगी। ये मशीनें सिविल अस्पताल पांवटा साहिब, राजगढ़, अर्की, नालागढ़, नादौन, देहरा, जवाली, अंब, चौपाल, रोहड़ू, ठियोग, रिकांगपिओ, मंडी, बिलासपुर, नूरपुर, घुमारवीं, करसोग, सुंदरनगर, सरकाघाट, जोगिंद्रनगर, मनाली, आनी, भरमौर, चौहड़ी और भोरंज में लगाई जाएंगी। इसके अलावा जोनल अस्पताल धर्मशाला, डीडीयू शिमला, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, सोलन, केलांग, कुल्लू और एमजीएमएससी खनेरी रामपुर सहित अन्य स्थानों में भी ये मशीनें उपलब्ध होंगी।
डॉ. शांडिल ने बताया कि स्वास्थ्य ढांचे का आधुनिकीकरण और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन और हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन स्वास्थ्य संस्थानों की सूची, उनके समयबद्ध निर्माण हेतु बजट और आवश्यक स्टाफ की जानकारी जुटाई जा रही है। जैसे ही अनुमान तैयार होंगे, सरकार धनराशि जारी कर मशीनों की खरीद और स्टाफ भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में सर्जरी सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए पांच फेको मशीनें भी खरीदी गई हैं, जिन्हें चंबा चिकित्सा महाविद्यालय, क्षेत्रीय अस्पताल चंबा, सिविल अस्पताल रोहड़ू, पांवटा साहिब और ऊना में स्थापित किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश में स्थापना कार्य शुरू हो चुका है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में दवाओं और आवश्यक चिकित्सा सामग्रियों की खरीद त्रैमासिक आधार पर होती है, जिससे कई बार औपचारिकताओं और अनुमोदन में देरी हो जाती है। इस व्यवस्था को बदलकर अर्धवार्षिक आधार पर खरीद की नई प्रणाली अपनाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि निर्बाध और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
डॉ. शांडिल ने यह भी बताया कि सरकार ने शिशु देखभाल किट्स को और बेहतर बनाने का निर्णय लिया है। अब सरकारी और निजी अस्पतालों में जन्म लेने वाले हर नवजात को 18 वस्तुओं वाली उच्च गुणवत्ता वाली किट उपलब्ध करवाई जाएगी। इन वस्तुओं के नमूने सरकार को प्राप्त हो चुके हैं और विशेषज्ञों द्वारा गुणवत्ता परीक्षण के बाद इनके ऑर्डर दिए जाएंगे।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
