कोलकाता, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल सरकार ने हीटवेव से होने वाली मौतों को अब प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल करते हुए पीड़ित परिवारों को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्णय लिया है।
राज्य सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में हुई ‘स्टेट एग्जीक्यूटिव कमेटी’ की बैठक में यह फैसला लिया गया। पिछले कुछ वर्षों में पुरुलिया, बांकुड़ा, पश्चिम मिदनापुर, झाड़ग्राम, पश्चिम बर्दवान और बीरभूम जैसे जिलों से हीटवेव और लू के कारण कई मौतों की खबरें सामने आई थीं।
अगस्त में मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया कि हीटवेव या लू से मौत की स्थिति में भी परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी। सरकार जल्द ही इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना जारी करेगी। मुआवजा पाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनिवार्य होगी और केवल यह पुष्टि होने के बाद कि मौत हीटस्ट्रोक से हुई है, राशि जारी की जाएगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हीटवेव से मौतों को प्राकृतिक आपदा घोषित करने के बाद मुआवजा राशि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से दी जाएगी। इस कोष के वार्षिक आवंटन का करीब 10 प्रतिशत हिस्सा ऐसी परिस्थितियों में खर्च किया जा सकता है।
गौरतलब है कि अब तक राज्य सरकार बिजली गिरने, आगजनी, नाव हादसा, पेड़ गिरने और मकान ढहने जैसी घटनाओं में मौत होने पर दो लाख रुपये का मुआवजा देती रही है।
इसके साथ ही, बंगाल सरकार ने अब कुल 14 तरह की घटनाओं को प्राकृतिक आपदा घोषित किया है, जिनमें हीटवेव, नदी कटाव, भारी बारिश, जंगली जानवरों का हमला, करंट लगना, जंगल में आग, जहरीले जीव-जंतु के काटने या हमले से मौत जैसी परिस्थितियां शामिल हैं।———————–
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
