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सार्वजनिक मार्ग और बिजली तारों के नीचे नहीं लग सकेंगे पंडाल, उच्च न्यायालय में लगी जनहित याचिका की सुनवाई में शासन ने दी जानकारी

बिलासपुर , 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । सार्वजनिक सड़कों पर लगने वाले पंडाल, अस्थाई संरचनाओं को लेकर चल रही जनहित याचिका की सुनवाई आज छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में मंगलवार को हुई। इस सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ को शासन की तरफ से बताया गया कि नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 और नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत नई पालिसी 25 अगस्त 2025 को जारी की गई है। जिसके तहत कोई भी व्यक्ति, संस्था, समिति या संगठन किसी सार्वजनिक खुले मैदान, सार्वजनिक मार्ग, फुटपाथ, चौराहे या सार्वजनिक खुले स्थान पर पंडाल या अस्थाई संरचना, धरना, जुलूस, सभा रैली बिना अनुमति के नहीं कर सकेगा। याचिकाकर्ता रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने इस मामले को लेकर एक जनित याचिका अपने अधिवक्ता के माध्यम से लगाई थी जिस पर लगातार सुनवाई चल रही थी ।मंगलवार को इस मामले में एक बार फिर सुनवाई और शासन की तरफ से पक्ष रखा गया।

याचिकाकर्ता ने बताया कि शासन ने इसके लिए दो प्रकार के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। प्रथम प्रकार के दिशा निर्देश उन छोटे पंडाल, अस्थाई संरचना, धरना, जुलूस, सभा रैली के लिए रहेंगे जहां पर अधिकतम पांच सौ व्यक्ति तक के ठहराव हो सकते हैं और जो पांच हजार से कम वर्ग फीट तक के स्थान पर बना हो। दूसरे प्रकार की दिशा निर्देश उन स्थानों के लिए है जहां पांच सौ लोगों से ज्यादा इकट्ठे हो सके और पांच हजार वर्ग फीट से ज्यादा का अस्थाई निर्माण हो।

पांच हजार वर्ग फीट से छोटे पंडालों अस्थाई संरचना के लिए मुख्य शर्ते:

1. नगर पालिक निगम और स्थानीय निकाय अनुमति देंगे।

2. मुख्य मार्गो में अनुमति नहीं दी जायेगी अगर प्रदान की जाती है तो वैकल्पिक मार्ग चिन्हित किया जाएगा।

3. किसी भी पंडाल का निर्माण विद्युत तारों के ठीक नीचे नहीं किया जाएगा।

4. पंडाल, अस्थाई संरचना अग्निरोधी सामग्री से बनाई जायेगी।

5. आयोजक समिति/ आयोजक साफ़ सफाई की व्यवस्था करेंगे।

पांच हजार वर्ग फीट से बड़े पंडालों अस्थाई संरचना के लिए अतिरिक्त मुख्य शर्ते:

1. अतिरिक जिला दंडाधिकारी, थाना प्रभारी, अग्निशामक. बिजली विभाग से अनापति प्रमाण पत्र ले कर आवेदन के साथ जमा करना पड़ेगा।

2. अनुमति के साथ शुल्क जमा करना होगा।

3. जनरेटर बैकअप की व्यवस्था करनी होगी।

4. किसी भी अन्य भवन से 15 फीट दूरी रखनी होगी।

याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि गणेश विसर्जन के दौरान इस नई पालिसी की टेस्टिंग हो सकेगी। शासन की ओर से दुर्गा पूजा के बाद प्रकरण की सुनवाई के लिए निवेदन किया गया। जिसे स्वीकार करते हुए प्रकरण की अगली सुनवाई 06 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।

(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

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