

बोगस व मृतकों के वोट डालने की शिकायत सही पाई गई
सरपंच ने कही फैसले के खिलाफ अपील करने की बात
हिसार, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । हांसी की सिविल कोर्ट ने क्षेत्र के गांव खरबला के
सरपंच का चुनाव रद्द कर दिया है। अदालत ने चुनाव में बोगस वोटिंग की शिकायत को मानते
हुए मंगलवार काे अपना फैसला सुनाया। बताया जा रहा है कि बोगस वोटिंग के चलते मृतकों के नाम पर भी
वोट इस चुनाव में डाल दिए गए।
गांव में सरपंच का चुनाव लगभग ढाई साल पहले हुआ था। इसमें सरपंच पद के लिए
हुए चुनाव में स्वाति देवी ने 200 वोटों से जीत दर्ज की थी जबकि सुनीता देवी दूसरे
स्थान पर रही थी। नतीजे घोषित होने के बाद सुनीता देवी ने हांसी की कोर्ट में याचिका
दायर की। उनका कहना था कि चुनाव में भारी गड़बड़ी हुई और फर्जी वोट डलवाए गए। सुनीता
देवी ने अपनी याचिका में साफ लिखा था कि चुनाव के दौरान तीन से चार वोट ऐसे लोगों के
नाम पर पोल हुए, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी। इतना ही नहीं, 25 से 30 वोट ऐसे लोगों के
नाम से भी डाले गए, जो उस समय गांव में थे ही नहीं। इस पर कोर्ट ने गंभीरता से सुनवाई
की और सभी सबूतों व गवाहियों को देखने के बाद चुनाव को अवैध घोषित कर दिया।
सुनीता देवी पक्ष के वकील चरण सिंह सैनी ने बताया कि कोर्ट ने साफ कहा है कि
लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पारदर्शिता जरूरी है। अगर मृतकों और बाहर रहने वालों के
नाम से वोट डाले जाते हैं, तो यह चुनाव प्रक्रिया की गंभीर खामी है। ऐसे में चुनाव
को जारी नहीं रखा जा सकता।
दूसरी तरफ मौजूदा सरपंच प्रतिनिधि स्वाति देवी ने कोर्ट के फैसले पर असहमति
जताई। उन्होंने कहा कि यह फैसला एकतरफा है और वे इसके खिलाफ ऊपरी कोर्ट में अपील दायर
करेंगे। चुनाव करवाने का काम चुनाव आयोग का होता है। चुनाव आयोग की जिम्मेदारी होती
है कि चुनाव को निष्पक्ष तरीके से करवाया जाए। चुनाव में सरपंच का कोई रोल नहीं होता
और उस समय एक आम नागरिक के तौर पर चुनाव लड़ा जाता है। उन्होंने दावा किया कि चुनाव
पूरी तरह निष्पक्ष था और लोगों ने अपनी मर्जी से वोट डालकर स्वाति देवी को गांव का
सरपंच चुना गया था।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
